वॉशिंगटन डीसी: इन दिनों अमेरिका के विश्वविद्यालयों में फिलिस्तीन समर्थित प्रदर्शन हो रहा है। प्रदर्शन का स्तर इतना बढ़ गया है कि फिलिस्तीन का समर्थन करने वाले लोग विश्वविद्यालयों पर कब्जा कर रहे हैं। जिससे शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहा है। बीते मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी की एक बिल्डिंग पर कब्जा कर, गेट को अंदर से बंद कर लिया। जिसके बाद पुलिस को बुलाना पड़ा। इस घटना के लिए जिम्मेदार 100 से अधिक लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। प्रदर्शनकारियों ने जमकर तोड़फोड़ भी की। जिस पर चिंता व्यक्त करते हुए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि हमें अमेरिका में जिहाद नहीं चाहिए।
बता दें कि इस दिनों इजराइल गाजा में आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई कर रहा है। इसी हमले का अमेरिका में कुछ लोग विरोध कर रह हैं। इसी कड़ी में कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया था। अमेरिका के कुछ विश्वविद्यालयों में इजरायल समर्थक और विरोधी समूहों के बीच हिंसक झड़प भी हुई हैं। जिसको लेकर वहां के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सख्त रुख अपनाया है।
उन्होंने कहा कि अगर अबकी बार हम चुनाव नहीं जीते तो मुझे नहीं लगता हमारा देश बचेगा। ट्रंप ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि जिस प्रकार से फिलिस्तीन समर्थक स्टूडेंट्स ने एक बिल्डिंग पर कब्जा कर लिया था,और न्यूयार्क पुलिस ने जैसे उन्हें मजा चखाया, उसे देख कर बहुत मजा आया। ट्रंप ने इन प्रदर्शनकारी छात्रों को आतंकी संगठन हमास समर्थित बताते हुए कहा कि हमे अमेरिका में जिहाद नहीं चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमें किसी भी परिस्थिति में हमास नियंत्रित आतंकी गढ़ गाजा से शरणार्थियों को अमेरिका नहीं लाना चाहिए। हमें अपने देश को भी अच्छे से चलाना है। ट्रंप ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे तमाम मुस्लिम देश हैं, जिनका हमें सामना करना है। इस लिए हमें अमेरिका में जिहाद नहीं चाहिए। हम नहीं चाहते हमारा महान देश आतंक का गढ़ बन जाए।