भारत में ‘लव जिहाद’ एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. अखबार के पेज और न्यूज वेबसाइट्स लव जिहाद की खबरों से भरी रहती हैं. देशभर से हर दिन तमाम हिंदू युवतियां इस षडयंत्र का शिकार होती हैं. लव जिहाद के नाम पर पहली घटना 2009 में केरल में दर्ज हुई थी. जिसके बाद आज देश के सभी राज्य ‘लव जिहाद’ रूपी आपदा के दंश से झेल रहे हैं. कोर्ट भी इस संमस्या को गंभीर बता चुका है.
यूपी में हाल ही में घटीं लव जिहाद की घटनाएं
घटना नंबर-1, 11 जून 2025
11 जून 2025 को कानपुर में 25 वर्षीय हिंदू युवती ने पुलिस कमिश्नर कार्यालय में शिकायत दी थी. पीड़िता ने तहरीर देकर बताया कि सरताज ने सोनू बनकर उससे फोन पर संपर्क साधा और बातें करनी शुरू कर दीं. फिर धीरे-धीरे उसने प्रेमजाल में फंसा लिया. सरताज 1 साल तक अपनी मजहबी पहचान छिपाकर हिंदू युवती के साथ शारीरिक संबंध बनाता रहा. जब युवती ने शादी करने की बात कही तो सोनू ने बताया की उसका असनी नाम सरताज है. साथ ही सरताज ने युवती पर इस्लाम स्वीकार करने और उसके हाथ पर बने ‘ओम’ के टैटू को हटाने को कहा. युवती ने परेशान होकर न्याय की गुहार लगाई है.
घटना नंबर-2, 2 अक्टूबर, 2024
गौतमबुद्धनगर में मुबस्मीर ने सचिन बनकर हिंदू युवती को प्रेमजाल में फंसाया. इंस्टाग्राम के जरिए मुबस्मीर ने अपना नाम सचिन बताकर हिंदू युवती से बातचीत करना शुरू किया. जिसके बाद दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं. 4 जून 2020 को दोनों ने नोएडा के हनुमान मंदिर में शादी रचा ली. लेकिन जब हिंदू युवती गर्भवती हुई तो मुबस्मीर ने बताया कि वह सचिन नहीं है, उसका असली नाम मुबस्मीर है. साथ ही उसने युवती पर इस्लाम स्वीकार करने का दबाव बनाया. युवती के विरोध करने आरोपी ने 5 मई 2025 को उसकी पिटाई की और उसके पास रखी 30 हजार की नकदी व आभूषण लेकर मेरठ आ गया.
12 मई को आरोपी मुबस्मीर ने हिंदू युवती के साथ जबरन इस्लाम के अनुसार निकाह कर लिया. विरोध करने पर मुबस्मीर ने युवती को जान से मारने और जिंदा जलाने की धमकी दी. मुबस्मीर पर आरोप है कि वह तीन अन्य लड़कियों से भी शादी रचाकर, उनका मतांतरण करा चुका है. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ लिसाड़ीगेट थाने में मुकदमा दर्जकर जांच प्रारंभ कर दी है.
घटना नंबर-3, 2-जनवरी-2025
अमरोहा के नौगावां सादात निवासी ताबिश असगर ने विशाल राणा बनकर हिंदू युवती को प्रेमजाल में फंयासा. ताबिश ने 22 फरवरी, 2023 को विशाल राणा के तौर पर गाजियाबाद के एक बैंक्वेट हॉल में हिंदू युवती के साथ सनातन परंपरा के अनुसार शादी कर ली. शादी में महिला के परिवार के लोग और ताबिश का भाई वसीम अख्तर भी शामिल हुए, जिसने अपना नाम वासु राणा बताया.
शादी के कुछ दिनों बाद जब युवती गर्भवती हुई तो, ताबिश उसे इलाहाबाद हाईकोर्ट ले गया और कोर्ट मैरिज करने की बात कही. तब पीड़िता को पता चला जिसे वह विशाल राणा समझ रही थी, उसका असली नाम ताबिश असगर है. सच्चाई सामने आने के बाद जब पीड़िता ने विरोध किया, तो ताबिश ने उसे धमकाते हुए इस्लाम अपनाने का दबाव बनाया. साथ ही आरोपी ने पीड़िता को जान का खतरा बताते हुए, उसका गर्भपात भी करा दिया.
दुर्व्यवहार से परेशान होकर युवती अपने परिजनों के पास शाहजहांपुर चली आई, असगर बहाना बनाकर उसे नोएडा वापस ले आया, लेकिन फिर उसने दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया. आरोपी ने युवती को पहाड़ी से धक्का देकर जान से मारने की कोशिश की और कुछ दिनों के बाद लापता हो गया.
प्रताड़ना से परेशान होकर पीड़िता ने गौतम बुद्ध नगर के सेक्टर-113 थाना में तहरीर दी. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी ताबिश असगर के खिलाफ उत्तर प्रदेश धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम, जबरन गर्भपात, महिला उत्पीड़न सहित कई गंभीर धाराओं में मामला दर्जकर उसे जेल भेज दिया.
घटना नंबर-4, 9-जून-2025
8 जून 2025 को मथुरा पुलिस ने एक ऑटो चालक इमरान को गिरफ्तार किया. इमरान ने हिंदू पहचान बताकर 23 हिंदू लड़कियों को अपने प्रेमजाल में फंसाया. आरोपी ने 50 हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाने का लक्ष्य रखा था. वह कॉलेज जाने वाली लड़कियों को अपना शिकार बनाता था. जिसमें कई नाबालिग हिंदू लड़कियां भी शामिल हैं. इमरान उनसे खुद को हिंदू बताकर ऑटो में मुफ़्त सवारी कराता और उनका विश्वास जीत लेता.
फिर इमरान लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाकर, धोखे से उनकी अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करता था. उसने कई लड़कियों की अश्लील वीडियो और फोटो को सोशल मीडिया पर भी डाल दिया था. फोटो-वीडियो वायरल होने के बाद हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं को इसकी जानकारी मिली. तो बड़ी संख्या में हिंदूवादी कार्यकर्ताओं भरतपुर गेट पुलिस चौकी के बाहर प्रदर्शन करते हुए इमरान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्जकर उसे गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने आरोपी इमरान के फोन से कई अश्लील वीडियो और फोटो बरामद किए हैं.
बकरीद पर हिंदुओं को घर से न निकलने की दी थी चेतावनी
इमरान ने बकरीद पर हिंदुओं को घर से बाहर न निकलने की चेतावनी भी दी थी. साथ ही उसने सोशल मीडिया पर एक महिला का वीडियो शेयर किया था, जिसमें महिला मांस काटते हुए दिख रही है और खून बह रहा है. जबकि पुलिस ने सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीरें न अपलोड करने की एडवाइजरी जारी की थी.
घटना नंबर-5, 11-जून-2025
गाजियाबाद में सलीम नाम के एक मुस्लिम युवक ने तुषार बनकर हिंदू युवती को अपने प्रेमजाल में फंसाया. अपने प्रेमजाल में फंसाकर 10 महीनों तक युवती का यौन शोषण करता रहा. सलीम ने तुषार नाम का एक फर्जी आधार कार्ड भी बनवा रखा था. जिसे दिखाकर वह युवती को होटल भी ले गया. जहां दोनों ने साथ में समय भी बिताया.
सलीम ने युवती के साथ शारीरिक संबंध बनाते हुए चुपके से अश्लील वीडियो भी बना ली. लेकिन जब पीड़िता को पता चला कि तुषार का असली नाम सलीम है और वह हिंदू नहीं मुस्लिम है तो उसने विरोध किया. जिस पर सलीम ने युवती से उसकी अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी दी व पिटाई की. लेकिन पीड़िता ने अपने साथ हुई वारताद की पूरी जानकारी पुलिस को दी. तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपी सलीम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
लव जिहाद की घटनाओं पर कोर्ट की टिप्पणी
2 जनवरी 2025 को बरेली की फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम ने लव जिहाद के एक मामले में आरोपी मोहम्मद आलिम को उम्र कैद की सजा सुनाई थी. सजा सुनाते हुए जज रवि कुमार दिवाकर ने कहा कि लव जिहाद विदेशी फंडिंग से हो रहा है. कोर्ट ने अपने फैसले में लव जिहाद को अंतरराष्ट्रीय साजिश बताते हुए कहा कि यह हिंदुस्तान में विशेष धर्म के अराजक तत्वों ने जनसांख्यिकी युद्ध छेड़ रखा है, ऐसा प्रतीत होता है. कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में यह भी कहा था कि यहि लव जिहाद के माध्यम से हो रहा अवैध धर्मांतरण समय रहते नहीं रोका गया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे.
बरेली की फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम के फैसले के खिलाफ अनस नाम के याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. जिसमें उसने फैसले से ‘लव जिहाद’ शब्द हटाने की मांग की थी. फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अपने फैसले में ‘लव जिहाद’शब्द का उल्लेख करते हुए कहा था कि अगर इस समस्या को समय रहते हुए नहीं निपटा गया तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.
याचिका पर सुनवाई करने से इंनकार करते हुए न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एसवीएन भाटी ने याचिकाकर्ता अनस से पूछा आपको इससे क्या दिक्कत है. कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा गया कि ‘लव जिहाद’ और अन्य टिप्पणियां ट्रायल कोर्ट ने तथ्यों को आधार पर की हैं. सबूतों के आधार की गई टिप्पणियों को हम कैसे हटा सकते हैं.
कब आया लव जिहाद का पहला मामला?
लव जिहाद के नाम पर पहली घटना 2009 में केरल से सामने आई थी. यहां 2 पथानामथिट्टा जिले के 2 मुस्लिम युवक 1 हिंदू व 1 ईसाई लड़की को भगा ले गए थे, लड़कियों के परिजनों ने की तहरीर पर दोनों कोर्ट में पेश किया गया था. कोर्ट ने फैसले पर सुनवाई करते हुए लड़कियों को परिजनों के पास भेज दिया था और कुछ समय बाद फिर से पेशी कराने की बात कही थी.
अगली बार जब लड़कियों को अदालत में पेश किया गया तो उन्होंने वे अपने माता-पिता के साथ रहने की इच्छा जताई थी. न कि उन मुस्लिम युवकों के साथ. 9 दिसंबर 2009 को केरल हाइकोर्ट के जज केटी शंकरन की एकल पीठ ने मामले में आरोपी शाहन शा ए और सिराजुद्दीन एम की अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं. साथ ही कोर्ट ने “रोमियो जिहाद” या “लव जिहाद” आंदोलन की जांच करने के लिए पुलिस को आदेश दिए थे.
हालांकि केरल पुलिस ने कोर्ट को जानकारी देकर बताया था कि राज्य में ऐसा कोई आंदोलन नहीं चल रहा है. बाद में ऐसी खबरें आईं थीं कि कई संगठनों ने अकेले तिरुवनंतपुरम जिले में ‘लव जिहाद’ से 100 से अधिक लोगों को इस्लाम स्वीकार कराया है. इन संगठनों में थसरीन मिल्लत, शाहीन फोर्स, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया, नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट और कैंपस फ्रंट जैसे इस्लामिक संगठनों के नाम सामने आए थे.