दिल्ली: सेना कमांडरों के सम्मेलन में तीसरे दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मौजूदा सुरक्षा परिदृश्यों, सीमाओं पर स्थिति और वर्तमान सुरक्षा तंत्र के सामने आने वाली चुनौतियों के कई पहलुओं पर अपने विचार साझा किए। भारतीय सेना के शीर्ष नेतृत्व ने मौजूदा सुरक्षा परिदृश्यों, सीमाओं और भीतरी इलाकों की स्थिति और चुनौतियों के सभी पहलुओं पर व्यापक विचार-विमर्श किया। सेना और वायु सेना प्रमुखों ने हथियारों के स्वदेशीकरण और भविष्य के युद्धों में तीनों सेनाओं के बीच बेहतर एकीकरण की जरूरत पर जोर दिया।
मानेकशा सेंटर नई दिल्ली में 16 अक्टूबर को सेना कमांडरों का सम्मेलन हाइब्रिड प्रारूप में शुरू हुआ। दूसरे दिन सेना के कमांडरों ने मौजूदा सुरक्षा परिदृश्यों, सीमाओं पर स्थिति और वर्तमान सुरक्षा तंत्र के सामने आने वाली चुनौतियों के कई पहलुओं पर अपने विचार साझा किए। इस दौरान भारतीय सेना के शीर्ष नेतृत्व ने मौजूदा सुरक्षा परिदृश्यों, सीमाओं और भीतरी इलाकों की स्थिति और चुनौतियों के सभी पहलुओं पर व्यापक विचार-विमर्श किया। वर्तमान सुरक्षा तंत्र के अलावा सम्मेलन में संगठनात्मक पुनर्गठन, रसद, प्रशासन और मानव संसाधन प्रबंधन से संबंधित मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना के वरिष्ठ नेतृत्व को संबोधित किया
आज बुधवार को सम्मेलन के तीसरे दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना के वरिष्ठ नेतृत्व को संबोधित किया। उन्होंने देश के सबसे भरोसेमंद संगठनों में से एक भारतीय सेना के प्रति पूरे देश का विश्वास दोहराया। उन्होंने हर जरूरत के समय नागरिक प्रशासन को सहायता देने के अलावा हमारी सीमाओं की रक्षा करने और आतंकवाद से लड़ने में सेना की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने सेना कमांडरों के सम्मेलन में उपस्थित होने पर ख़ुशी जताते हुए ‘रक्षा और सुरक्षा’ दृष्टिकोण को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने के लिए सेना नेतृत्व की सराहना की।
रक्षा मंत्री ने किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए सेना पर पूरा भरोसा व्यक्त किया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में हो रहे हालिया संघर्षों पर चिंता जताते हुए कहा कि वर्तमान जटिल और अस्पष्ट विश्व स्थिति सभी को प्रभावित करती है। सशस्त्र बलों को रणनीति और योजना बनाते समय इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिए। उत्तरी सीमाओं पर मौजूदा स्थिति पर टिप्पणी करते हुए रक्षा मंत्री ने किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए सेना पर पूरा भरोसा व्यक्त किया। पश्चिमी सीमाओं पर स्थिति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सीमा पार से छद्म युद्ध जारी है, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सेना की प्रतिक्रिया को सराहा जाना चाहिए।