वाशिंगटन- इस साल सात अक्टूबर को हमास ने इज़रायल के सीमावर्ती कस्बे किबुत्ज़ में घुस कर आतंकी हमला किया था। हमले के समय हमास आतंकियों ने इजरायली महिलाओं को चुन-चुन कर निशाना बनाया। उनके साथ यौन बर्बरता की सारी सीमाएं पार कर दीं। द न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी खोजी रिपोर्ट में अमानवीयता की रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानी देश और दुनिया के सामने रखी है।
द न्यूयॉर्क टाइम्स ने आठ अक्टूबर को दक्षिणी इजराइल में अपनी लापता दोस्त की तलाश कर रही एक महिला के शूट किए गए वीडियो का भी अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया है। इसमें हमास की अमानवीयता का सामना करने काली पोशाक वाली एक महिला का की बात कही गई है। इस वीडियो पर इजराइली पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उनका मानना है कि सुश्री (…) के साथ बलात्कार किया गया था। हमास के आतंकवादियों ने गाजा सीमा पर सैन्य ठिकानों और किबुत्ज में महिलाओं के साथ क्रूरता की।
अखबार ने यह रिपोर्ट वीडियो फुटेज, तस्वीरों, मोबाइल फोन के जीपीएस डेटा, गवाहों, चिकित्सा कर्मियों, सैनिकों और परामर्शदाताओं सहित 150 से अधिक लोगों के साक्षात्कार पर तैयार की है। साथ ही कम से कम सात स्थानों पर पड़ताल की जहां इजराइली महिलाओं और लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया गया। हमास के आतंकियों ने दुष्कर्म के बाद महिलाओं की हत्या कर दी थी और उनके शरीर को क्षत-विक्षत कर दिया था। कई महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़कों पर फेंक दिया गया था। रिपोर्ट के अनुसार 30 से अधिक महिलाओं और लड़कियों के क्षत-विक्षत शव पाए गए।
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उल्लेखनीय है कि इससे पहले हमास के आतंकियों ने वर्ष 1973 में इज़रायल पर हमला किया था, जिसमें हमास आतंकियों का साथ देने के लिए मिस्र और सीरिया एक साथ आए, लेकिन फिर भी उन्हें मुंह की खानी पड़ी। 6 अक्टूबर 1973 को शुरू हुआ संघर्ष जब 25 अक्टूबर को समाप्त हुआ तो मिस्र और सीरिया जहां अपनी काफी सैन्य क्षति कर चुके थे वहीं हमास को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा था। इसी तरह 7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद जब इज़रायल ने जवाबी कार्रवाई शुरू की तो जल्द हमास के पैर उखड़ गए और उसकी सहायता के बड़े बड़े दावे करने वाले सीरिया, मिस्र, जॉर्डन, लेबनान, ईरान और यूएई सहित सभी अरब देश गाजा में तबाही होते हुए देखते रहे।
फिलहाल अभी भी युद्ध पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है, इज़रायली सेना गाज़ा में घुसकर आतंकियों के कैम्प और सुरंगें तबाह कर रही है। हमास के कई बड़े कमान्डर मारे जा चुके हैं या फिर भाग गए हैं। गाज़ा की जनता को भी इस युद्ध की बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है, जबकि संयुक्त राष्ट्र और कुछ यूरोपीय देश गाज़ा में प्रभावित नागरिकों को मानवीय सहायता दे रहा है, और अरब देश दूर से तमाशा देख रहे हैं।
Hamas’s brutality against Israeli women