नोएडा
के चर्चित निठारी
कांड में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोषी करार दिए गए सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर की अपीलें
मंजूर करते हुए कई मामलों में बरी कर दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुरेंद्र कोली को 12
और मनिंदर सिंह पंढेर को दो मामलों में गाज़ियाबाद की सीबीआई
कोर्ट द्वारा सुनाई गई फांसी की सजा को रद्द करते हुए इन दोनों को बरी कर दिया है।
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हाईकोर्ट
ने दोनों दोषियों
की कुल 14 अर्जियों पर ये फैसला सुनाया
है। मनिंदर सिंह पंढेर की वकील
मनीषा भंडारी ने बताया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मनिंदर सिंह पंढेर को उसके खिलाफ दो अपीलों में बरी
किया है। उसके खिलाफ कुल 6 मामले
थे। सुरेंद्र कोली ने 12
मामलों में मिली फांसी की सजा के खिलाफ अपील दाखिल की थी,,
जबकि मनिंदर सिंह पंढेर ने दो मामलों में
मिली सजा के खिलाफ अर्जी दाखिल की थी। इन अर्जियों पर इलाहाबाद हाईकोर्ट एक साथ
सुनवाई कर रहा था।हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद 15 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था। आज
सोमवार सुबह
करीब 11 बजे जस्टिस अश्विनी
कुमार मिश्रा और जस्टिस एसएचए रिजवी की डिवीजन बेंच ने ये फैसला दिया है।
हाईकोर्ट
ने सीधे तौर पर
कोई सबूत और गवाह ना होने के आधार पर दोषियों को बरी किया। हालांकि रिंपा हलदर मर्डर केस में
हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने ही सुरेंद्र कोली की फांसी की सज़ा को बरकरार रखा
था। इन्हीं सबूतों के आधार पर रिंपा हलदर मर्डर केस में दोनों को फांसी की सजा मिली
थी।
बता
दें कि साल 2006 में
निठारी कांड का खुलासा हुआ था। इस मामले में गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट ने
सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर को फांसी की सजा सुनाई थी। सुरेंद्र कोली
की मौजूदा 12 में
से पहली याचिका साल 2010 में
दाखिल की गई थी। हालांकि इन याचिकाओं के अलावा भी हाईकोर्ट,,
कोली की कुछ अर्जियों को निस्तारित कर
चुका है। एक मामले
में फांसी की सजा को बरकरार रखा गया है, जबकि एक अन्य मामले में देरी के आधार पर उसे उम्र कैद में तब्दील किया जा
चुका है।