‘महाकुम्भ’ भारतीय संस्कृति का अद्वितीय धार्मिक और आध्यात्मिक पर्व है, जो सनातन धर्म के सिद्धांतों का प्रतीक है। इस महापर्व का महत्व सनातन ग्रंथों में उल्लिखित है और इसे विशेष रूप से पुण्यलाभ और पापमोचन के लिए आयोजित किया जाता है। महाकुंभ में विशेष रूप से साधु-संतों, महात्माओं और संन्यासियों की भागीदारी होती है। वे अपने अखाड़ों के माध्यम से समाज को धार्मिक और आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करते हैं…. ये अखाड़े हिंदू धर्म में साधु-संतों का एक ऐसा समूह है जो धार्मिक और शारीरिक अनुशासन का समन्वय प्रदर्शित करता है।