International Day of the Girl Child 2024 : 11 अक्टूबर यानि आज के दिन को हम सब अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मनाते हैं. इस दिन को हम International Day of the Girl Child के नाम से भी जानते है. यह दिन लड़कियों के अधिकारों को समर्पित है. इसकी शुरुवात 2012 में पूरे राष्ट्र द्वारा की गई थी.
आज चांद तक पहुंच चुकी दुनिया में, लड़कियों की मुस्कुराहट कहीं न कहीं दबी हुई है. लड़कियां आज भी अपने हक के लिए लड़ रहीं हैं. इन सभी चीजों को देखते हुए आज के दिन को मनाने की घोषणा की गई. ताकि लड़कियों के मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाई जा सके, इस दिन का उद्देश्य लड़कियों के शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के अधिकारों को उजागर करना है, इसके माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की जाती है.
यह दिन इस लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकी ये लिंग आधारित चुनौतियों को भी समाप्त करता है. जिसका सामना दुनिया भर में लड़कियां करती हैं, जिसमें बाल विवाह, उनके प्रति भेदभाव और हिंसा शामिल है. अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस का मुख्य उद्देश्य लड़कियों के अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है. इसके माध्यम से समाज को यह समझाने का प्रयास किया जाता है कि लड़कियों का सशक्त होना आवश्यक है, इसके अलावा, यह दिन लड़कियों के प्रति भेदभाव और हिंसा के खिलाफ एक मजबूत संदेश भेजता है.
बात दें, इस साल की थीम“भविष्य के लिए लड़कियों की दृष्टि” निर्धारित की गई है.
भारत में महिलाओं की स्थति
देश में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार ने महिला आरक्षण का बिल पास किया है. हालांकि, मोदी सरकार ने इसे लागू करने की टाइमलाइन 2029 में दी है. वहीं, पंचायती राज व्यवस्था और सरकारी नौकिरयों में महिला आरक्षण पहले से ही लागू है. हर राज्य में आरक्षण का दायरा एकदम अलग है.
वहीं काम करने के लिए दमनद्वीव, झारखंड और दिल्ली जैसे राज्य की महिलाएं आगे हैं. साथ ही शिक्षा के मामले में केरल की महिलाएं अन्य राज्यों से आगे हैं. अपने देश भारत में महिलाओं को पढ़ने और लिखने का अधिकार 1854 में मिला था. जिसके बाद कोलकाता विश्वविद्यालय महिलाओं को शिक्षा देने वाला पहला संस्थान बना. उसके बाद 1986 में इसे राष्ट्रीय नीति में शामिल कर हर राज्य में महिला शिक्षित को लागू की गई थी.
कामकाजी महिलाएं
भारत में कामकाजी महिला सबसे अधिक 59 प्रतिशत हैं.
प्रदेश/केंद्र शासित प्रदेश कामकाजी महिलाएं
मिजोरम 59%
झारखंड 48.2%
सिक्किम 48.2%
बिहार 17.8%
मध्य प्रदेश 17.2%
लक्षद्वीप 15.5%
दमन और दीव 15.2%
हिमाचल प्रदेश 15.1%
उत्तर प्रदेश 12%
दिल्ली 11.7%
पंजाब 9.4%
चंडीगढ़ 8.1%
जम्मू और कश्मीर 7.9%
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