मुंबई: कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ को बॉम्बे हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने फिल्म के को-प्रोड्यूसर जी स्टूडियो की याचिका पर सुनवाई करते हुए, सेंसर बोर्ड को फिल्म का प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि चूंकि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट पहले ही केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को सिख संगत द्वारा दर्ज की गई आपत्तियों पर निर्णय लेने का निर्देश दे चुका है, इसलिए बॉम्बे हाई कोर्ट इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता।
बता दें, फिल्म ‘इमरजेंसी’ के खिलाफ सिख संगठनों ने आपत्ति जताई है और इसके ट्रेलर को लेकर भी विरोध जारी है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने सेंसर बोर्ड को 18 सितंबर तक सिख संगत और अन्य की शिकायतों पर निर्णय लेने का आदेश दिया है। इस फैसले के चलते कंगना की यह फिल्म 18 सितंबर से पहले रिलीज नहीं हो सकेगी, जबकि पहले इसे 6 सितंबर को रिलीज किया जाना था।
जी स्टूडियो ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि सेंसर बोर्ड ने मनमाने तरीके से और अवैध रूप से फिल्म का सेंसर सर्टिफिकेट रोका है। जिसपर बॉम्बे हाई कोर्ट ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को फटकार लगाई और कहा कि उन्हें समझ नहीं आता कि कुछ समूह बिना फिल्म देखे कैसे यह तय कर लेते हैं कि फिल्म आपत्तिजनक है।
वहीं इससे पहले मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर डिवीजन बेंच ने कंगना की 6 सितंबर को रिलीज़ होने वाली फिल्म ‘इमरजेंसी’ की रीलीज पर रोक लगा दी। दूसरी ओर, केंद्र सरकार ने भी हाईकोर्ट को अपना जवाब देते हुए कहा कि फिल्म को अभी तक सर्टिफिकेट नहीं मिला है। इसलिए यह फिल्म रिलीज नहीं होगी। जबलपुर हाईकोर्ट ने सरकार से फिल्म को लेकर उठाई गई आपत्तियों पर विचार करने के निर्देश दिए हैं। इस पर याचिकाकर्ता आपत्तियां दे सकते हैं।