नई दिल्ली: म्यांमार में सेना के नेतृत्व वाले जुंटा व जातीय विद्रोही समूहों के बीच झड़पे तेज हो गई हैं। इसका सबसे अधिक प्रभाव रखाइन राज्य में देखने को मिल रहा है। जिसके चलते स्थिति गंभीर बनी हुई है। बढ़ते तनाव को देखते हुए बांग्लादेश की सीमा से सटे बुथिदौंग में रोहिंग्या मुस्लिमों ने लगभग 5,000 बौद्धों और हिंदुओं के घरों में आगजनी कर जमकर लूटपाट की।
सूत्रों का कहना है कि इन घरों को इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि यह बौद्धों और हिंदुओं के थे। रोहिंग्या मुस्लिमों ने जब हिंदुओं और बौद्धों के घरों पर धावा बोला तो लोग अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थान पर भाग गए। लेकिन, जो लोग घरों में रह गए, उन्हें रोहिंग्या मुस्लिमों ने घरों से बरदस्ती निकाला, जिसके बाद लूटा और फिर घरों में आग लगा दी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह हिंसक घटना 11 अप्रैल से 21 अप्रैल के बीच बुथिदौंग क्षेत्र में घटी। जो कि बांग्लादेश की सीमा से सिर्फ 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सूत्रों का कहना है कि 2018 में हुई जनगणना के अनुसार बुथिदौंग में 3,000 घर थे। बाद में जनसंख्या में इजाफा हुआ और घरों की संख्या 10 हजार हो गई। जिसमें से 50 प्रतिशत घर हिंदू और बौद्धों के हैं जबकि 50 प्रतिशत घर मुस्लिमों के हैं।
म्यांमार के रखाइन प्रांत में हिंसा की यह कोई पहली घटना नहीं है। इसके पहले भी यहां दशकों पहले हिंसा की आग भड़की थी। जिसके कारण लोग पलायन करते रहे। इसके पहले यहां 1,600 से भी अधिक हिन्दुओं व 120 बौद्धों को बंधक बनाया गया था।