Varanasi News- महाशिवरात्रि
उत्सव के उपलक्ष्य में देश भर के शिव मंदिरों में तैयारियां की जा रही हैं। इस अवसर
पर भोले बाबा की नगरी काशी में भी शिव-पार्वती विवाह उत्सव की तैयारियां धूमधाम से
की जा रही हैं। फाल्गुन मास कृष्णपक्ष की चतुर्दशी महाशिवरात्रि पर महाउत्सव की
शुरुआत 6 मार्च से होगी।
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वाराणसी में महाशिवरात्रि
पर्व की शुरुआत काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ कुलपति तिवारी के टेढ़ीनीम
स्थित आवास से होगी। महंत के आवास पर बाबा विश्वनाथ के रजत विग्रह रूप के पास हल्दी
तेल का लोकाचार पूरा किया जाएगा। संध्या की बेला में शिव जी को हल्दी का लेप लगाया
जाएगा। इसके पहले बसंत पंचमी पर बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ की प्रतिमा के पास तिलकोत्सव
कार्यक्रम परंपरा के अनुसार किया गया था। मंगल गीतों के बीच बाबा को हल्दी लगाई जाएगी।
ढोलक की थाप और मंजीरे की खनक के बीच शिव-पार्वती के मंगल दाम्पत्य की कामना के गीत
मुखर होंगे।
महंत कुलपति तिवारी ने बताया कि
हल्दी के पारंपरिक शिव गीतों में दुल्हे की खूबियों का गुणगान कर शिवांजलि प्रस्तुत
की जाएगी। शिवांजली के संयोजक संजीव रत्न मिश्र ने बताया कि इस अवसर पर शिवांजलि के
अन्तर्गत मथुरा से आमंत्रित नृत्य मंजरी दास का कथक नृत्य होगा। इसके साथ ही अन्य स्थानीय कलाकार
भजनों की प्रस्तुति करेंगे।
शिवांजली के ट्रस्टी व अंक शास्त्री
पं. वाचस्पति तिवारी ने बताया कि महाशिवरात्रि की महानिशा के चारों प्रहर में महंत
परिवार द्वारा की जाने वाली बाबा विश्वनाथ की आरती के विधान पूर्ण करने की तैयारी कर
ली गई है। बाबा विश्वनाथ और माता पार्वती का विवाह परंपरानुसार किया जाएगा। बता दें कि इस वर्ष महाशिवरात्रि 8 मार्च को मनाई जाएगी। दर्शन के लिए रात भर मंदिरों के कपाट खुले रहेंगे।