नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू होने के बाद अमेरिका द्वारा की गई टिप्पणी को भारतीय विदेश मंत्रालय ने निराधार बताया है। अमेरिका ने कहा था कि भारत में नागरिकता संशोधन अधिनियम की अधिसूचना जारी होने पर वह चिंतित है। अमेरिका के इसी टिप्पणी का जवाब विदेश मंत्रालय ने दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि ‘CAA भारत का आंतरिक मामला है। इस मामले पर अमेरिका द्वारा की जा रही टिप्पणी अनुचित है।
यह भी पढ़ें: CAA पर भारत विरोधी मीडिया ने उगला जहर, अफवाह फैलाने की सभी हदें की पार!
भारतीय विदेश मंत्रालय ने अमेरिका से स्पष्ट कहा है कि उनकी प्रतिक्रिया अनावश्यक और अधूरी सूचना से प्रेरित है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह कानून नागरिकता छीनने से नहीं बल्कि नागरिकता देने के लिए बनाया गया है। अमेरिका की गैर-जरूरी बयानबाजी पर पलटवार करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि जिन लोगों को भारत की विविधता और परंपराओं का ज्ञान नहीं है, उन्हें भाषण देने की आवश्यकता नहीं।
CAA पर अमेरिका ने क्या टिप्पणी की थी
भारत में 11 मार्च को CAA लागू होने की अधिसूचना लागू हुई थी। जिसके बाद अमेरिका विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने अपने एक बयान में कहा था कि वह सीएए को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा था कि अमेरिका CAA मामले पर करीब से नजर रख रहा है। अमेरिका के इसी बयान पर आज शुक्रवार को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने जवाब दिया है।
विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि CAA भारत की समावेशी परंपराओं और मानवाधिकारों के प्रति दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। यह कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाईयों सुरक्षित आश्रय प्रदान करता है, जो 31 दिसंबर 2014 या उससे पहले भारत आए हैं।