नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सोमवार को Citizenship Amendment Act (CAA) का नोटिफिकेशन जारी कर दिया। यह कानून भारत के पड़ोसी देश (पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश) से धार्मिक प्रताड़ना सह कर भारत आए, वहां के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता प्रदान करने का अधिकार देता है। यहा बात मीडिया संस्थानों को साक्षात्कार देते हुए गृह मंत्री अमित शाह कई बार स्पष्ट कर चुके हैं। उन्होंने कई बार कहा है कि यह कानून किसी की भी नागरिकता छीनने के लिए नहीं, बल्कि नागरिकता देने के लिए बनाया गया है। लेकिन, फिर भी भारत विरोधी मीडिया CAA को लेकर अफवाह फैलाने और जहर उगलने से बाज नहीं आ रही।
CAA पर क्या है विदेशी मीडिया का रुख
पाकिस्तान का प्रसिद्ध अखबार डॉन ने सीएए को विवादास्पद करार देते हुए लिखा “नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) पारित होने के 4 साल बाद,नरेंद्र मोदी सरकार ने CAA लागू होने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। डॉन ने आगे लिखा कि मोदी सरकार ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में जिन अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न हो रहा है उनको CAA के तहत आसानी से भारत की नागरिकता मिलेगी।”
वहीं, अलजजीरा ने CAA मुस्लिम विरोधी बताते हुए लिखा कि ‘भारत ने चुनाव से कुछ हफ्ते पहले ‘मुस्लिम विरोधी’ 2019 नागरिकता कानून लागू किया। अमेरिकी अखबार The Washington Post ने तो CAA को लेकर भ्रम फैलाने की सभी हदें पार कर दीं। The Washington Post ने अपने शीर्षक में लिखा “भारत ने मुसलमानों को बाहर करने वाले नागरिकता कानून को लागू करने की घोषणा की।”
ब्रिटिश अखबार ‘द गार्डियन’ ने इस मामले को लेकर खबर लगाई। जिसमें उसने खबर के शीर्षक में लिखा कि ‘भारत ने नागरिकता कानून बनाया, जिसकी मुसलमानों के प्रति भेदभावपूर्ण कहकर आलोचना हुई।’
क्या है CAA
मोदी सरकार ने दिसंबर 2019 में CAA बिल को सदन में पारित कराया था। दोनों सदनों में यह बिल पास होने के बाद राष्ट्रपति ने हस्ताक्षर भी कर दिए थे। हालांकि, इस बिल के पास होने के बाद अराजक तत्वों ने देश भर में जमकर उत्पात मचाया और बड़े स्तर पर देश की संपत्ति को नुकसान भी पहुंचाया था। CAA अधिनियम पारित होने के 4 साल बाद केंद्र सरकार ने 11 मार्च 2024 को इसे लागू किया है।
इस कानून के तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना सह कर भारत आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई धर्मों को मामने वालों को यहां की नागरिकता प्रदान की जाएगी।