Hardoi News- आचार संहिता लगने
के बाद राजनीतिक दलों के पोस्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इस कार्रवाई के
दौरान हरदोई के सिटी मजिस्ट्रेट प्रशांत तिवारी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। बीजेपी
पूर्व जिलाध्याक्ष विद्याराम वर्मा ने आरोप लगाया है कि उनकी पत्नी के सामने सिटी
मजिस्ट्रेट ने आचार संहिता की आड़ में उनके साथ बदसलूकी की और उनको बुरी तरह से बेइज्जत किया। पत्नी इसका सदमा नही झेल पाई और उसकी मौत हो गई।
यह भी पढ़ें- लखनऊ- देश में लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा, जानिए यूपी में 7 चरणों में कब-कहां होंगे चुनाव
शनिवार को लोकसभा
चुनाव की घोषणा के बाद आचार संहिता लागू हो चुकी है। जिसके बाद से प्रशासन होर्डिग-बैनर उतरवाने में जुट गया। उसी बीच भाजपा के पूर्व ज़िलाध्यक्ष विद्याराम वर्मा के
लखनऊ रोड स्थित आवास के बाहर उनके नाम का बोर्ड लगा हुआ था। सिटी मजिस्ट्रेट की अगुवाई
में चल रही नगर पालिका परिषद की टीम ने उनका बोर्ड उखाड़ लिया। इसका पता होने पर विद्याराम
वर्मा घर से बाहर निकले और अपने नाम का बोर्ड उखाड़ने की वजह पूछी। आरोप है कि जिस पर सिटी मजिस्ट्रेट
प्रशांत तिवारी ने भाजपा के पूर्व ज़िलाध्यक्ष को खरी-खोटी सुनाई और उनके खिलाफ फर्जी
केस दर्ज करने की धमकी तक दे डाली। पति की सबके सामने बेइज्जती के बाद पत्नी लता वर्मा
आहत हो गईं और गम में डूबने से उनकी रविवार को मौत हो गई।
नाम का बोर्ड उखाड़
ले जाने के मामले में भाजपा के पूर्व ज़िलाध्यक्ष विद्याराम वर्मा और सिटी मजिस्ट्रेट
के बीच हुई नोंकझोंक का वीडियो वायरल हो रहा है। उस वीडियो में सिटी मजिस्ट्रेट प्रशांत तिवारी केस दर्ज कराने की धमकी देते हुए दिखाई दे रहे हैं।