Amethi News- चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन माता रानी के स्वरुप मां चन्द्रघंटा की पूजा-अर्चना की गई। पूजा-अर्चना के साथ सभी देवी मंदिर माता रानी के जयकारों से गूंजते रहें। वहीं अमेठी जिले के सुप्रसिद्ध पौराणिक एवं सिद्धपीठ मां कालिका का धाम में वैसे तो प्रत्येक सोमवार को दूर-दूर से मां का दर्शन करने हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। नवरात्रि महापर्व की बात करें, तो यहां पर इन 9 दिनों देवी के अलग-अलग स्वरुपों की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसे में बृहस्पतिवार को कालिका धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। भक्तों की भारी भीड़ ने रात्रि 3 बजे से ही दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं।
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बताते चलें कि उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले से 11 किलोमीटर दूर पूर्व दिशा में मां कालिका का सिद्धपीठ मंदिर है। माता के तीसरे स्वरुप मां कालिका के दर्शन करने के लिए जनपद से ही नहीं बल्कि आस-पास के कई जनपदों से श्रद्धालु आते हैं। यह अत्यंत सिद्धपीठ कहा जाता है, जहां पर जो भी भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर आता है, मां उसे पूरी करती हैं। मां के अमृत कुंड से निकलने वाली नीर की खास बात यह है कि इसे आंखों में लगाने से आंखों के समस्त रोग दूर हो जाते हैं। वहीं कुछ लोग इस नीर को ग्रहण कर विभिन्न प्रकार की बीमारियों से छुटकारा प्राप्त कर लेते हैं। इस मंदिर में देश की बड़ी-बड़ी हस्तियों ने पहुंचकर दर्शन पूजन करते हुए मां का आशीर्वाद लिया है।
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विशेष रुप से नवरात्रि के 9 दिनों में सुबह से लेकर रात तक लोगों में मां के दर्शन की होड़ लगी रहती है। इसके साथ-साथ संपूर्ण जनपद के सभी छोटे-बड़े देवी मंदिरों पर स्थानीय लोगों की भीड़ देखी जा रही है। लोग मंदिरों में पहुंचकर पूजन-अर्चना करते हुए हवन, भंडारा और प्रसाद वितरण के कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर कर हिस्सा ले रहे हैं।