Lucknow
News: लखनऊ राजभवन में जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख की
स्थापना दिवस के अवसर पर एक भारत-श्रेष्ठ भारत की थीम पर विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों
का आयोजन किया गया। इस मौके पर लद्दाख के लेफ्टिनेंट गवर्नर के प्रतिनिधि द्वारा
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को स्मृति चिन्ह व शॉल भेंट किया गया।
राजभवन में मनाया गया जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख का स्थापना दिवस
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख
को बहुत ही खूबसूरत क्षेत्र बताते हुए कहा कि वहां जाना चाहिए। लोगों की
समस्याओं को जानना चाहिए। तथा उसके समाधान के लिए हमें मिलकर प्रयास
करना चाहिए। उन्होंने जम्मू कश्मीर के एकीकरण पर सरदार पटेल के योगदान की भी चर्चा
की।
उन्होंने कहा कि धारा 370 को हटाये जाने के
बाद जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख में विकास कार्यों को गति मिली है।
राज्यपाल ने समारोह में सरदार पटेल को याद करते हुए कहा कि
अखंड भारत हेतु उनका योगदान भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने सरदार पटेल को एक आदर्श
इंसान बताया। कहा कि उनका जीवन लोगों को प्रेरित करता है। उनकी जीवनी सभी
को पढ़नी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल कंधे से कंधा मिलाकर सभी कार्य करते थे।
किसी भी कार्य को अंजाम तक पहुंचाना उनकी विशिष्टता थी।
राज्यपाल ने देश की आजादी को लाखों लोगों के समर्पण
और शहादत का नतीजा बताया। उन्होंने
जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख के बारे में कहा कि यह पर्वतीय
क्षेत्र हैं जो बर्फ से ढके रहते हैं। ऐसी परिस्थितियों
में यहां अध्ययन और अध्यापन एक कठिन कार्य है।
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इस मौके पर उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र
प्रयागराज, संस्कृति
विभाग, भातखंडे संस्कृति
विश्वविद्यालय, लखनऊ तथा
लद्दाख व जम्मू कश्मीर से आए कलाकारों ने लोकगीत व लोक नृत्य की मनमोहक
प्रस्तुतियां प्रस्तुत की गईं। राज्यपाल ने कलाकारों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें बधाई
दी। कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख पर निर्मित डाक्यूमेंट्री को भी
प्रदर्शित किया गया।
राज्यपाल ने इस अवसर पर संस्कृति विभाग द्वारा
जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख के हस्तशिल्प,
स्थानीय उत्पाद व विविध विषयों पर राजभवन में लगायी गयी
प्रदर्शनी एवं रंगोली का अवलोकन किया। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ.
सुधीर महादेव बोबड़े, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा श्री पंकज जॉनी, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के उत्तर प्रदेश
में शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थी और प्रवासी नागरिक, लद्दाख से आए कलाकार, राजभवन के अधिकारी, कर्मचारी व अन्य गणमान्य उपस्थित रहें।