आल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट AIUDF प्रमुख बदरुद्दीन अजमल ने कहा है कि डॉ हिमंत बिस्व सरमा जैसे कई मुख्यमंत्रियों को खरीदने की क्षमता उन्हें अल्लाह ने दी है। उन्होंने कहा कि 2026 से पहले असम से वे हिमंत को उखाड़ फेंकेंगे। उन्होंने कहा कि हिमंत और बीजेपी को उखाड़ने की क्षमता कांग्रेस में नहीं है। क्योंकि, कांग्रेस के नेता रात को हिमंत के पास लाइन लगाकर रुपए लेते हैं। जबकि, अजमल को खरीदने की क्षमता हिमंत में नहीं है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस उन पर बीजेपी के साथ मिलने का आरोप लगाती है। लेकिन, बीजेपी, नरेन्द्र मोदी और अमित शाह उनके नंबर वन दुश्मन हैं। जबकि, मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा को उन्होंने डबल दुश्मन करार दिया। बदरुद्दीन अजमल ने आज ये बातें ग्वालपाड़ा जिले के गोरू सटका में एक स्कूल के स्वर्ण जयंती कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहीं। इस कार्यक्रम में AIUDF के कई नेता एवं कार्यकर्ता मौजूद थे।
अजमल, कांग्रेस के शरीर में भसानी, सादुल्ला का खून : भाजपा
मौलाना भसानी और सर सैयद सादुल्ला सहित असमिया विरोधी राजनीतिक ताकतें, जो मोहम्मद अली जिन्ना की मुस्लिम लीग के साथ मिलकर असम तथा असमिया के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक अस्तित्व को हमेशा के लिए नष्ट करने की गहरी साजिश में शामिल थे। दरअसल बदरुद्दीन अजमल के विचारों और कार्यों में अभी भी जिन्ना के जीन मौजूद हैं। अजमल के ऐसे विचार और चरित्र को असम का समाज कभी स्वीकार नहीं करेगा। सादुल्ला और भसानी ने 1940 से पहले यही बात कही थी। स्वतंत्रता के बाद भारत में मुस्लिम लीग के सादुल्लाह का कांग्रेस पार्टी में स्वागत किया गया और उन्हें नेता बनाया गया। इसी तरह, भसानी पूर्वी पाकिस्तान के नेता बने।
यह बातें आज प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता रंजीब शर्मा ने एक बयान में कही है। शर्मा ने अपने बयान में कहा कि राज्य के मूल निवासियों ने असम को नष्ट करने की चाहत रखने वाले राजनीतिक आंदोलन के ध्वजवाहक बदरुद्दीन अजमल को खारिज कर दिया है। कांग्रेस और अजमल पहाड़ी और मैदानी इलाकों के आदिवासी इलाकों में मौजूद नहीं हो सकती हैं। शर्मा के मुताबिक अजमल लगातार कांग्रेस की मदद से असम में मुसलमानों का प्रभुत्व बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए पिछले विधानसभा चुनाव में अजमल और कांग्रेस के बीच दाढ़ी, टोपी और लुंगी की सरकार बनाने की चुनावी डील हुई थी। लेकिन, दोनों पार्टियां गुप्त व अघोषित समझौते के जरिये मूलवासियों को उनके अधिकार से वंचित करने की गहरी साजिश में लगी हुई हैं।
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