वाराणसी: ज्ञानवापी मामले पर सुनवाई करते हुए जिला अदालत ने अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को यह आदेश दिया है कि सर्वेक्षण रिपोर्ट की हार्ड कॉपी हिंदू व मुस्लिम दोनों पक्षों को सौंपी जाए।
बुधवार को जिला जज अजय कृष्णा विश्वेश की अदालत में ज्ञानवापी ASI सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने के मामले पर सुनवाई हुई। सुनवाई पूर्ण होने के बाद
जिला जज ने सर्वे रिपोर्ट को दोनों पक्षकारों को सौंपने का आदेश दिया।
मामले पर जानकारी देते हुए हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि आज अदालत ने दोनों पक्षों को सुना और आम सहमति बनी कि ASI रिपोर्ट की हार्ड कॉपी दोनों पक्षों को प्रदान की जाएगी। ASI ईमेल के माध्यम से रिपोर्ट प्रदान करने पर आपत्ति जता रही थी, इसलिए दोनों पक्ष रिपोर्ट की हार्ड कॉपी प्राप्त करने पर सहमत हुए।
इससे पहले पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने फास्ट ट्रैक कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट दाखिल की थी। रिपोर्ट सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में दाखिल हुई। एएसआई को फास्ट ट्रैक कोर्ट में रिपोर्ट कल यानी 25 जनवरी 2024 को दाखिल करनी थी। हालांकि, एएसआई ने कोर्ट द्वारा तय की कई समय-सीमा से एक दिन पहले ही रिपोर्ट फास्ट ट्रैक कोर्ट में सब्मिट कर दिया।
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लगभग 100 दिनों तक ज्ञानवापी परिसर की एएसआई द्वारा सर्वे किया गया था। मुस्लिम पक्ष द्वारा सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक ना करने की मांग की गई थी। जबकि हिंदू पक्ष की मांग थी कि ज्ञानवापी का सच सामने लाने के लिए रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए। अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि जिला जज से अपील है, कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई सार्वजनिक हो रही है। ऐसे में ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट को भी सार्वजनिक किया जाए।