वाराणसी: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शनिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच ज्ञानवापी परिसर के सील वजूखाने की सफाई की गई। जिलाधिकारी एस. राजलिंगम की देखरेख में वजूखाने की सफाई संपन्न हुई। जिसमें करीब पौने तीन घंटे लगे। तीन जेट पंपों के माध्यम से वजूखाने का पानी बाहर निकाला गया। पानी निकाले जाने के बाद जिंदा मछलियां प्रतिवादी पक्ष अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के पदाधिकारियों को सौंप दी गईं।
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अधिकारियों ने बताया कि वाराणसी नगर निगम के सफाई कर्मियों की टीम ने वजूखाने की सफाई की और चूने का भी छिड़काव किया। सफाई का कार्य सुबह 9 बजे से पूर्वाह्न 11.45 तक चला। इस दौरान श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गेट-4 व मंदिर परिसर के अंदर एवं बाहर सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। सफाई के दौरान पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन भी परिसर में मौजूद रहे। सफाई कार्य के दौरान शृंगार गौरी केस के वादी पक्ष और मसाजिद कमेटी के दो-दो प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी परिसर के सील वजूखाने की यह सफाई की गई है। वजूखाना सील होने की वजह से उसकी साफ-सफाई नहीं हो पा रही थी। इसके चलते अधिकांश मछलियां मर गई थीं, जिसके कारण दुर्गंध आ रहा था। दिसके बाद हिंदू पक्ष ने कोर्ट में याचिका दायर कर वजूखाने की सफाई कराने की मांग की थी। जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर वजूखाने की सफाई संपन्न हुई।
सुरक्षा की रही व्यापक व्यवस्था
वजूखाने की सफाई के दौरान सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था की गई। इस दौरान गेट नंबर 4 के बाहर स्थानीय पुलिस, ट्रैफिक पुलिस और पीएसी के जवानों को तैनात किया गया था। किसी भी प्रकार की तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए पुलिस बल को अलर्ट पर रखा गया था। कानून व्यवस्था न बिगड़े इसलिए पुलिस कमिश्नर मुथा अशोक जैन स्वयं देख रेख कर रहे थे।