वाराणसी: जिला अदालत ने निर्देश दिया है कि ज्ञानवापी परिसर स्थित “व्यास जी का तहखाना” की चाबियां जिला मजिस्ट्रेट को सौंप दी जाएं। जिला न्यायाधीश एके विश्वेश ने बुधवार 17 जनवरी को यह निर्देश दिया है। चाबी सौंपने को लेकर हिंदू पक्ष द्वारा जिला न्यायालय में एक याचिका डाली गई थी।
याचिका पर सुनवाई करत हुए न्यायाधीश एके विश्वेश ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर के दक्षिणी छोर पर स्थित व्यास जी के तहखाने की नियमित रखरखाव की आवश्यकता है। इसलिए जिला न्यायाधीश एके विश्वेश ने जिलाधिकारी वाराणसी को तहखाने का रिसीवर नियुक्त किया है।
इस मामले पर हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने कोर्ट में बहस को दौरान तर्क दिया कि अधिकारियों ने 1993 में तहखाने को बंद कर ताला लगा दिया था। यादव ने अपनी याचिका में कहा कि सोमनाथ व्यास नाम के एक पुजारी पहले तहखाने का इस्तेमाल पूजा के लिए करते थे।
वाराणसी जिला न्यायालय का यह आदेश, सुप्रीम कोर्ट द्वारा विवादित ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वज़ू खाना की सफाई की अनुमति देने के दो दिन बाद आया है। वज़ू खाना में 16 मई 2022 को न्यायालय के आदेश पर हो रहे सर्वेक्षण के दौरान ‘शिवलिंग’ पाया गया था। शिवलिंग मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ‘वज़ूखाना’ क्षेत्र को सील कर दिया गया था।
2 जनवरी को हिंदू याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर किया गया था। जिसमें मांग की गई थी कि वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट से ज्ञानवापी मस्जिद के ‘वज़ू खाना’क्षेत्र की सफाई कराई जाए। आवेदन में कहा गया था कि पानी की टंकी में मछलियां 12 से 25 दिसंबर, 2023 के बीच मर गईं हैं। इसी कारण टैंक से दुर्गंध आने लगी है।