Prayajraj
News- आपराधिक केस के कारण लंबित पासपोर्ट जारी करने के मामलों में इलाहाबाद
उच्च न्यायालय ने आवेदकों को बड़ी राहत दी है। न्यायालय ने पासपोर्ट प्राधिकारी को आदेश दिया है कि जिन आवेदकों पर
एनसीआर पंजीकृत है, उन आवेदकों को अविलंब उनके पासपोर्ट जारी करें या नवीनीकृत किए जाएं। साथ ही न्यायालय ने कहा है कि इन
लोगों को संबंधित न्यायलय से विदेश जाने की अनुमति नहीं लेनी होगी।
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इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि जिन
आवेदकों के खिलाफ एनसीआर पंजीकृत है, उन आवेदकों को बिना देरी किए अविलम्ब पासपोर्ट जारी किया जाए या फिर उनका नवीनीकरण किया जाए और कहा है कि इन लोगों को सम्बंधित न्यायालय से विदेश जाने की
अनुमति नहीं लेनी होगी।
न्यायालय ने कहा है कि जिन आवेदकों के खिलाफ अभियोजन
की विवेचना या ट्रायल जारी है, रीजनल पासपोर्ट आफिस से पुलिस रिपोर्ट की सूचना मिलते ही
उन्हें सम्बंधित न्यायालय से अनुमति लेनी होगी और अनुमति मिलने के एक हफ्ते के भीतर
उनका पासपोर्ट जारी या नवीनीकृत कर दिया जाएगा।
न्यायालय में जिन आवेदकों का
प्रार्थनापत्र विचाराधीन
है। उन आवेदकों के लिए न्यायालय ने कहा
है कि उनको 2 माह का समय दिया जा रहा है। सभी आवेदक 2 हफ्ते में सम्बंधित न्यायालय
से अनुमति लेकर रीजनल पासपोर्ट ऑफिस को दे दे, ताकि यथाशीघ्र उन्हें पासपोर्ट जारी
किया जा सके या फिर उनका नवीनीकृत कर दिया जाए।
उच्च न्यायालय ने सभी न्यायिक
अधिकारियों को ये निर्देश भी दिया है, कि विदेश जाने की अनुमति के आवेदनों को
अधिकतम 4 हफ्ते में निश्चित करें। अति आवश्यक होने
पर ही यथाशीघ्र निश्चित करें। यह आदेश
न्यायमूर्ति एसडी सिंह तथा न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ल की खंडपीठ ने पवन कुमार राजभर
व अन्य सहित दर्जनों याचिकाओं को निस्तारित करते हुए दिया है।