Mathura News- मथुरा शहर में श्रीकल्याण सेवा समिति द्वारा
यज्ञोपवीत संस्कार व गायत्री दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। श्रीदाऊजी मंदिर
में 101 बटुकों के
यज्ञोपवीत संस्कार कराए गए। इस अवसर पर जिला न्यायाधीश अवनीश कुमार शर्मा ने कहा कि जनेऊ
केवल धार्मिक नजरिए से ही नहीं, बल्कि सेहत के लिहाज से भी बेहद फायदेमंद है। जनेऊ धारण करने
के बहुत सारे फायदे हैं।
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गुरुवार को मथुरा शहर स्थित श्रीदाऊजी
मंदिर में यज्ञोपवीत संस्कार व गायत्री दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। इस
अवसर पर जिला न्यायाधीश अवनीश कुमार शर्मा ने कहा कि यज्ञोपवीत-संस्कार द्वारा
बुरे संस्कारों का शमन करके अच्छे संस्कारों को स्थायी बनाया जाता है। यज्ञोपवीत
संस्कार हुए बिना कोई भी किसी भी प्रकार का पुण्य कर्म करने का अधिकारी नहीं होता। इसी प्रकार ये संस्कार होने
के बाद ही बालक को धार्मिक कार्य को करने का अधिकार मिलता है। व्यक्ति को सर्वविध
यज्ञ करने का अधिकार प्राप्त हो जाना ही यज्ञोपवीत है। उन्होंने बटुक बच्चों को
पटुका व शाल ओढ़ाकर उनका स्वागत किया।
कार्यक्रम के संयोजक कपिल शास्त्री ने
कहा कि हमारी संस्कृति संस्कारों पर आधारित है। जीवन में गर्भाशय से वृद्धावस्था
तक 16 संस्कार
होते हैं। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए बालकों का जनेऊ संस्कार कराया गया है।
पीठाधीश्वर आचार्य विष्णु महाराज ने कहा कि जनेऊ संस्कार को यज्ञोपवीत संस्कार व
उपनयन संस्कार कहते हैं। इसके बाद बालक को वेद पढ़ने का अधिकार मिल जाता है। सभी
बटुकों ने हवन-यज्ञ कर जनेऊ धारण किए।
इस अवसर पर आचार्य ऋतुराज वेदपाठी, आचार्य विष्णु
वेदपाठी, कपिल शास्त्री, गोकुलेश पांडेय, श्याम सुंदर
पांडेय, दिनेश पांडेय, पीतांबर पांडेय, बीएन पांडेय, सुजीत वर्मा आदि
प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।