नई दिल्ली- दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने संसद की सुरक्षा में चूक के मामले में आरोपी नीलम आजाद की जमानत याचिका खारिज कर दी है। एडिशनल सेशंस जज हरदीप कौर ने 16 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था और आज नीलम की जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अखंड प्रताप सिंह ने नीलम की जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि इस मामले में आरोप बेहद गंभीर हैं और एफआईआर में दर्ज मामलों में उम्रकैद और फांसी तक का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि आरोपी ने संसद की सुरक्षा में सेंध लगाकर देश की एकता और संप्रभुता को हानि पहुंचाने का कुत्सित प्रयास किया है। दिल्ली पुलिस ने कहा था कि नीलम के खिलाफ यूएपीए (unlawful activities prevention act) के तहत केस चलाने के लिए उसके पास पर्याप्त और पुख्ता सबूत हैं, जिसके आधार पर गंभीर अपराध में उसकी सहभागिता साफ दिखाई देती है।
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में जांच अभी जारी है इसलिए जमानत मिलने पर अपराधी गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। क्योंकि ये सभी अपराधी प्रभावशाली हैसियत रखते हैं इसलिए इन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए। कोर्ट ने 13 जनवरी को सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इसके पहले कोर्ट ने सागर शर्मा और मनोरंजन का पॉलीग्राफी, नार्को और ब्रेन मैपिंग टेस्ट जबकि ललित झा, महेश कुमावत और अनमोल का पॉलीग्राफी टेस्ट और नीलम का पॉलीग्राफी टेस्ट कराने का आदेश दिया था। दिल्ली पुलिस ने इन सभी पर यूएपीए की धारा 16ए के तहत आरोप लगाए हैं।
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उल्लेखनीय है कि 13 दिसंबर 2023 को सागर शर्मा और मनोरंजन शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा के चैंबर में कूद गए थे और नारे लगाते हुए पीले रंग का धुआं छोड़ दिया था। जब सदन के अंदर ये सब हो रहा था, संसद के बाहर अमोल शिंदे और नीलम आजाद ने भी पीले रंग का धुआं छोड़ा और ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ के नारे लगाए थे।
parliament security breach-court dismisses bail plea