Lucknow News: उत्तर प्रदेश में संगीत की परंपरा वर्षों से चली आ रही है। प्रदेश के पारंगत कलाकारों ने देश और दुनिया में भारतीय संगीत को उच्च स्थान दिलाया है। उत्तर प्रदेश के उभरते कलाकारों और संगीत के समस्त
विधाओं के संरक्षण एवं प्रचार प्रसार के लिए योगी सरकार 25 दिसम्बर से 26 जनवरी 2024 तक ‘हमारी संस्कृति हमारी
पहचान सांस्कृतिक महोत्सव’ का आयोजन करने जा रही है। महोत्सव की शुरुआत गांव, पंचायत, ब्लॉक एवं तहसील स्तर के
कलाकारों की प्रतियोगिता से होगी। जिसमें विजेता प्रतिभागियों को मेडल, प्रमाण पत्र एवं स्मृति
चिन्ह प्रदान कर उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा।
इस आयोजन का
उद्देश्य उत्तर प्रदेश की प्रतिभाओं की खोज के साथ शास्त्रीय, उप शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत तथा लोक नाट्य
की विभिन्न विधाओं से परिचित कराना है। इसके अतिरिक्त लोक संगीत की समृद्धशाली
परंपरा के संरक्षण एवं संवर्धन के साथ शास्त्रीय एवं लोक संगीत की पृष्ठभूमि में
उत्तर प्रदेश के सभी अंचलों में ऐसे कलाकारों की पहचान कर उन्हें उनकी
योग्यतानुसार मंच प्रदान करना है।
यह भी पढ़ें:- DELHI: प्रधानमंत्री मोदी आज शाम लाल किले में करेंगे I.A.A.D.B. सम्मेलन का उद्घाटन
पोर्टल के माध्यम से होगा रजिस्ट्रेशन
संस्कृति कार्यक्रम को लेकर सरकार की ओर से दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अनुसार सुगम पंजीकरण के लिए पोर्टल तैयार करने को कहा गया है।
विलंब से आने वाले इच्छुक व्यक्तियों के लिए ऑफलाइन और ऑन द स्पॉट रजिस्ट्रेशन का
विकल्प मुहैया कराने, प्रतिभागियों की समस्याओं का तत्काल व प्रभावी निवारण, प्रतिभागियों को
निर्धारित नियम एवं शर्तों से अवगत कराते हुए ब्लॉक, जनपद स्तर पर सहभागिता
सुनिश्चित करना होगा।
प्रतिभागियों के लिए नियम एवं शर्तें
सभी प्रतिभागियों को उत्तर प्रदेश का
निवासी होना चाहिए, जिसके लिए प्रतिभागी का आधार कार्ड मानक होगा। प्रतियोगिता
में प्रतिभाग के लिए संबंधित जनपद का निवासी अपने ही जनपद के प्रतियोगिता स्थलों
पर प्रतिभाग कर सकता है। एक प्रतिभागी केवल एक ही विधा में प्रतिभाग कर सकता है।
सभी कलाकारों को संगत कलाकार व वाद्य यंत्रों की व्यवस्था स्वयं करनी होगी। देश
भक्ति गीत, लोकगीत, लोकनृत्य, जनजातीय नृत्य एवं लोकवाद्य में केवल
समूह प्रस्तुतियां होंगी। अन्य सभी विधाओं में सिर्फ एकल प्रस्तुतियां होंगी।
सभी
प्रतिभागी कलाकार एकल प्रस्तुति के अतिरिक्त सिर्फ एक समूह प्रस्तुति में भाग ले
सकते हैं। प्रतिभागी कलाकारों के साथ संगत कर रहे संगतकार एक से अधिक दल के साथ
संगत कर सकते हैं, लेकिन एक ही दल के साथ संगत करने वाले दलनायक प्रस्तावित विधाओं
के अतिरिक्त कोई अन्य प्रस्तुति मान्य नहीं होगी। शास्त्रीय नृत्य एवं लोकनृत्य
में उस विधा से संबंधित मान्य वेशभूषा अनिवार्य है। इस आयोजन में किसी राजनीतिक दल,
धर्म, संप्रदाय, जाति या व्यक्ति की भावनाओं को आहत करने वाली प्रस्तुतियां
पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी।
यह बी पढ़ें:- वाराणसी: आंध्र प्रदेश के रहने वाले दंपति ने दो बेटों के साथ की आत्महत्या, जांच में जुटी पुलिस