लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान पाठ्यक्रम में महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। इस बदलाव के बाद अब छात्रों को 2 और महापुरुषों की जीवन गाथा के बारे में पढाया जाएगा। पाठ्यक्रम में महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वीर सावरकर और समाज सुधारक ज्योतिबा फुले का जीवन चरित्र शामिल किया गया है। इन दोनों महापुरुषों की जीवन गाथा को शामिल करने के लिए पाठ्यक्रम में अंतिम बदलाव कर दिया गया है।
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लखनऊ विश्वविद्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, राजनीति विज्ञान विभाग के द्वारा पाठ्यक्रम में किए गए बदलाव का प्रस्ताव बोर्ड ऑफ स्टडीज के समक्ष रख दिया गया है। जिसके बाद बोर्ड ने सर्वसम्मति से इसकी स्वीकृति दे दी है। बोर्ड की स्वीकृति मिल चुकी है, अब 11 अप्रैल को फैकल्टी बोर्ड की बैठक होगी। जिसके बाद उस बैठक में भी पाठ्यक्रम के बदलाव का प्रस्ताव रखा जाएगा। फैकल्टी बोर्ड की बैठक में स्वीकृति मिलने के बाद यह बदलाव लागू हो जाएगा।
बता दें कि स्वातंत्र्यवीर वीर सावरकर ने देश की आजादी में अहम भूमिका निभाई थी। वह उन चंद क्रांतिकारियों में शामिल थे, जिन्हें अग्रेजों ने कालापानी की सजा सुनाई थी। ब्रिटिश सरकार ने वीर सावरकर वर्ष 1911 से लेकर 1921 तक अंडमान की सेलुलर जेल में बंद रहे थे। इस दौरान उन्हें अनेकों यातनाओं से गुजरना पड़ा।
वहीं, महात्मा ज्योतिराव फुले को महान समाज सुधारक माना जाता है। उनका जन्म महाराष्ट्र में हुआ था। ज्योतिराव फुले ने अपने जीवन काल में कई ऐतिहासिक कार्य किए। उन्होंने दलितों, वंचितों और महिलाओं की शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए। उनका पूरा जीवन समाज सुधारक के रूप में संघर्षंमय बीता। जिसके लिए वह आज के पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत हैं।