उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की गई सहायक समीक्षा अधिकारी और समीक्षा अधिकारी परीक्षा-2023 का पेपर लीक होने के आरोपों की जांच,, आयोग की कमेटी और एसटीएफ जांच करेगी। दरअसल रविवार 11 फरवरी को RO-ARO परीक्षा देने आए अभ्यर्थियों द्वारा पेपर लीक की शिकायत आयोग से की थी, जिसके बाद आयोग ने भर्ती परीक्षा में जांच के आदेश दिए हैं। आयोग ने एसटीएफ से जांच कराने के लिए शासन को पत्र लिखा है। आयोग ने जांच के लिए एक आंतरिक कमेटी का भी गठन किया है।
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बता दें कि पहली पाली की परीक्षा के दौरान सोशल मीडिया पर उत्तर कुंजी वायरल हो गई थी। इसके बाद परीक्षार्थियों ने भी अपना विरोध जताया था। मामले के तूल पकड़ने के बाद यूपीपीएससी ने जांच कराने का निर्णय लिया। परीक्षा के लिए 58 जिलों में 2387 केद्र बनाए गए थे। इसमें 10,76,004 अभ्यर्थियों के सापेक्ष 64 प्रतिशत अभ्यर्थी शामिल हुए थे।
इस बार आयोग ने परीक्षा कराने के लिए कड़ी व्यवस्था की थी। सभी जिलों में आयोग से पर्यवेक्षक भेजे थे। केंद्रों की निगरानी के लिए सीसीटीवी लगाए गए थे। इतनी टाइट सिक्योरिटी होने के बावजूद छात्रों की तरफ से ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं।
STF से जांच कराने का लिया गया निर्णय
सचिव अशोक कुमार ने बताया कि सभी बिंदुओं पर एसटीएफ से जांच कराने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए शासन से सिफारिश की गई है। आयोग की आंतरिक कमेटी ने भी इसकी जांच शुरू कर दी है।
5 फरवरी को संसद में पास हुआ था लोक परीक्षा विधेयक
5 फरवरी को प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं से सख्ती से निपटने के लिए लोक परीक्षा विधेयक, 2024 संसद में पास हो गया था। इसके अनुसार परीक्षा में अनियमितता और गड़बड़ी पर अधिकतम 1 से 10 साल तक की जेल और 3 से 5 लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान हो सकता है। इसके बावजूद लोग पेपर लीक जैसी घटनाएं करने से बाज नहीं आ रहे हैं।