Varanasi
News- वाराणसी जिला न्यायालय के निर्देश के बाद
ज्ञानवापी परिसर के व्यास तहखाने में बुधवार देर रात 11 बजे पूजा-अर्चना की गई। इस
दौरान जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर भी उपस्थित रहे। पूजा-अर्चना को देखते हुए जिला
प्रशासन विशेष सतर्कता बनाए हुए है। ज्ञानवापी के साथ ही आसपास के संवेदनशील
इलाकों में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं।
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ज्ञानवापी के इस तहखाने में एक परिवार व्यास रहता था। जो 1993 तक इस तहखाने में पूजा पाठ करता था। 1993 के बाद से तत्कालीन सरकार ने यहां पर पूजा पाठ करने पर रोक लगा दी थी। वाराणसी जिला न्यायालय के निर्देश के बाद
ज्ञानवापी परिसर के व्यास तहखाने में पूजा पाठ फिर से शुरु हो गई है। वाराणसी
की काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी परिसर के पास
सुरक्षा का घेरा बढ़ाने के साथ आसपास के संवेदनशील क्षेत्रों और दालमंडी की गलियों
में भी अधिकारी पुलिस बल के साथ जगह-जगह लगाए गए हैं।
बुधवार देर रात को
जिलाधिकारी एस राजलिंगम और पुलिस कमिश्नर
मुशा अशोक जैन ने फोर्स के साथ सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मंदिर परिसर में बैठक की
थी। इसके बाद से आसपास के संवेदनशील क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी गई। वाराणसी के
चौक, नई सड़क, दालमंडी, मदनपुरा, रामापुरा, सोनारपुरा, शिवाला, बजरडीहा में
अफसरों ने चौकसी बरतने के साथ गश्त भी किया। सोशल मीडिया की भी निगरानी हो रही है।
जिला न्यायालय ने जिलाधिकारी को आदेश दिया है कि 7
दिनों के अंदर तहखाने में पूजा-अर्चना आदि के लिए व्यवस्था करें। न्यायालय ने यह
फैसला वादी शैलेन्द्र पाठक व्यास की ओर से दायर वाद पर दिया। वादी पक्ष का कहना है
कि उनके पूर्वज तहखाने में अंग्रेजी शासन काल से ही पूजन व राग भोग करते रहे हैं।
वर्ष 1993 में
तत्कालीन सरकार ने पूजन पर रोक लगाते हुए तहखाना को बंद कर दिया था। वहां जाने
वाले रास्ते पर बैरिकेडिंग के साथ फोर्स की तैनाती कर दी गई।