वाराणसी: व्यास जी तहखाना मामले में हिंदू पक्ष की बड़ी जीत हुई है। हिंदू पक्ष की याचिका पर सुनावाई करते हुए जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने तहखाने में नियमित पूजा करने की अनुमति दी है। इसके पहले कोर्ट ने हिंदू व मुस्लिम दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मंगलवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
मामले पर जानकारी देते हुए हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर स्थित व्याज जी तहखाने में नियमित पूजा करने का अधिकार हिंदू पक्ष को दिया है। उन्होंने बताया कोर्ट ने वाराणसी के जिला अधिकारी को यह आदेश जारी किया है कि 7 दिनों के अंदर वहां पूजा पाठ की सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। बता दें कि वादी शैलेन्द्र पाठक की याचिका पर अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कोर्ट में बहस की।
हिंदू पक्ष द्वारा कोर्ट में बहस के दौरान कहा गया था कि ज्ञानवापी में बैरिकेडिंग नंदी जी के सामने की गई है, उसे खोल दिया जाए और व्यास जी के तहखाने में पूजा पाठ के लिए आने-जाने दिया जाए। इस पर मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ताओं ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि व्यास जी का तहखाना मस्जिद का हिस्सा है। यहां पूजा पाठ की अनुमति नहीं दी जा सकती। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आदेश के लिए बुधवार की तिथि निर्धारित की थी।
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उल्लेखनीय है कि वादी शैलेन्द्र पाठक के परिजन वर्ष 1993 तक तहखाने में पूजा पाठ करते थे। 1993 के बाद तत्कालीन सपा सरकार के आदेश पर ज्ञानवापी के व्यास जी के तहखाने में पूजा पाठ बंद हो गई। जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई के दौरान मंदिर पक्ष के वकीलों ने अदालत को जानकारी दी थी कि 1993 तक भूखंड आराजी संख्या 9130 (ज्ञानवापी) में मौजूद देवी-देवताओं का नियमित पूजा-पाठ होता था। 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा ध्वंस के बाद 1993 में यहां पहले बांस-बल्ली और उसके बाद लोहे की ऊंची बैरिकेडिंग करा दी गई।