लखनऊ। भारतीय किसान मंच के अध्यक्ष देवेन्द्र तिवारी ने खुद को
चर्चा में लाने के लिए गहरा षड़यंत्र रचा था। देवेन्द्र तिवारी ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी
मुख्यालय को मेल कराया। इस मेल के माध्यम से उसने अयोध्या के राम मंदिर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश और खुद को फेक आईडी से जान का खतरा
बताया दिया था। फेक आईडी से कि गई इस ईमेल की जांच के दौरान एसटीएफ ने पाया कि देवेन्द्र
और उसके दोनों साथी ताहर सिंह और ओमप्रकाश मिश्रा ने मेल की थी। फिलहाल पुलिस ने दोनों
साथी ताहर सिंह और ओमप्रकाश मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया। देवेन्द्र तिवारी को
पुलिस गिरफ्तार नही कर पायी है, वह अभी तक फरार है।
थाना आलमबाग और थाना सुशांत गोल्फ सिटी
में दर्ज हुई FIR
भारतीय किसान मंच के अध्यक्ष देवेन्द्र
तिवारी और उसके दोनों साथियों द्वारा अयोध्या के राम मंदिर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश और खुद को फेक आईडी से जान का खतरा
को लेकर फेक मेल के मामले में थाना आलमबाग और थाना सुशांत गोल्फ सिटी में मामला दर्ज
किया गया है। आईपीसी, आइटी एक्ट की धाराओं के मुकदमे में ताहर सिंह और ओमप्रकाश
मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार हुए ताहर सिंह और ओमप्रकाश मिश्रा ने
अपने बयान में बताया कि भारतीय किसान मंच के अध्यक्ष देवेन्द्र तिवारी को बड़ा नेता
बनने की चाहत थी, इसके लिए उसने अयोध्या के राम मंदिर के माहौल का फायदा उठाने की सोची और उसके
माध्यम से पहले नाका क्षेत्र से दो मोबाइल फोन खरीदे गए। फिर मोबाइल से फेक आईडी
बनवायी गई। फेक आईडी बनाने के बाज डीजीपी मुख्यालय की ईमेल आईडी पर मेल की गई।
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पुलिस की सुरक्षा पाने के लिए मेल के
जरिए दी गई धमकी
पुलिस ने देवेन्द्र तिवारी के दोनों
साथियों को गिरफ्तार कर लिया है। उन दोनों ने पुलिस को बताया कि पुलिस की सुरक्षा
पाने के लिए देवेन्द्र तिवारी ने षड़यंत्र रचा था। उसने ईमेल में पहले आईएसआई का
एजेंट बनने के बाद धमकी से भरपूर मेल लिखवाया और बाद मे डीजीपी मुख्यालय को मेल करवा
दिया। देवेन्द्र तिवारी लखनऊ के बंथरा का रहने वाला है। उसके खिलाफ मानकनगर, आलमबाग, आशियाना, बंथरा, गौतमपल्ली थानों में पहले से ही विभिन्न मामलों में मुकदमें
पंजीकृत हैं।