Ayodhya:- अयोध्या में 22 जनवरी
को राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम होगा। इसके लिए श्रीराम
जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सभी 15 सदस्य बीते कई दिनों से मूर्ति का कर रहे
थे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार मूर्ति
का चयन कर लिया गया है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के
महासचिव चंपत राय के अनुसार गर्भग्रह में प्राण प्रतिष्ठित पर होने वाली प्रतिमा
पर निर्णय हो गया है। 5 वर्ष के बालक की खड़ी प्रतिमा का चयन किया गया
है। बता दें कि राजस्थान और बेंगलुरु के मूर्तिकारों ने कुल तीन प्रतिमाएं बनाईं
है। जिनमें मैसूर के अरुण योगीराज और बेंगलुरु के केएल भट्ट ने श्याम वर्ण की
प्रतिमा बनाई है। अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई प्रतिमा की लंबाई 51 इंच
है। इस बात की पूरी संभावना है, कि उन्हीं की प्रतिमा का चयन किया जाएगा।
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इस प्रतिमा में एक राजा के पुत्र और विष्णु अवतार की
झलक मिलेगी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने एक
निजी चैनल से बातचीत करते हुए बताया है। उन्होंने बताया कि भगवान राम के मंदिर के
गर्भ ग्रह में प्राण-प्रतिष्ठित होने वाली प्रतिमा पर अंतिम निर्णय कर लिया गया है।
यह भी बताया कि जिस मूर्ति को प्राण प्रतिष्ठित करना है, उसकी रचना पूरी हो गई है।
मंदिर के जिस भाग में मूर्ति को स्थापित करना
है। वह भाग बनकर तैयार हो चुका है। प्रतिमा का चयन
कर लिया गया है। यह खड़ी प्रतिमा पांच वर्ष के बालक की है। इस प्रतिमा में 5
वर्ष
के बालक की सुकोमलता है। प्रतिमा में एक राजा के पुत्र और विष्णु अवतार की मन-मोहक
झलक है। भारतीय संस्कृति के अनुसार ऐसी प्रतिमा का चयन किया गया है।