बांदा। यूपी के बांदा जिले के रहने वाले हस्तशिल्पी कार द्वारिका
प्रसाद सोनी ने अपनी कड़ी मेहनत से छोटा श्रीराम मंदिर बनाया है। इस मंदिर की
कारीगरी और उसकी खूबसूरती बिल्कुल अयोध्या के श्रीराम मंदिर की तरह ही बनाई गई है।
इस मंदिर को बांदा की केन नदी के शजर पत्थर से बनाया गया है। इस मंदिर में श्रीराम
जी भी विराजमान है। मंदिर को बनाने की कीमत 10 लाख बताई जा रही है।
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अयोध्या धाम में नवनिर्मित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर
में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है। जिसको लेकर दुनिया भर में
भक्तों में उत्साह है। इन सबके बीच उत्तर प्रदेश के बांदा के रहने वाले हस्तशिल्पी
द्वारिका प्रसाद सोनी ने श्रीराम मंदिर बनाया है। यह उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से
केन नदी के शजर पत्थर से बनाया है। मंदिर को बनाने में लगभग 10 लाख की लागत आई है। इसमें
रामलला को भी विराजमान किया गया है। इस मंदिर को 30 दिसम्बर यानी आज शनिवार को
रामलीला मैदान में रखा गया। जिसे देखकर हर कोई अचम्भित
है।
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जानिये बांदा जिले की केन नदी के शजर
पत्थर की खूबी
शजर पत्थर ए ग्रेड श्रेणी का सबसे मजबूत
और महंगा पत्थर है। यह उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की केन नदी में पाया जाता है। शजर
पत्थर प्रदेश सरकार की एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में भी शामिल है। इसमें
पेड़-पौधों और प्राकृतिक छटाओं की सुंदर-सुंदर छवि स्वतः अंकित हो जाती है। इसकी पहचान
करने, उसे काटने और तरासने की लंबी प्रक्रिया है। तब जाकर इसकी असली तस्वीर सामने
आती है और तभी इसकी कीमत भी तय होती है। इसकी अनोखी और बेहतरीन कारीगरी के लिए
यहां के शिल्पकारों को कई बार राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जा चुका है। राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त द्वारिका प्रसाद सोनी बताते हैं, कि वह अपने हुनर के सहारे अनेक कलाकृतियां बना चुके हैं। उनके द्वारा ताजमहल, कालिंजर दुर्ग के
अलावा अनेक सजावटी कलाकृतियां बनाई गई हैं। जिसकी विदेश में भी प्रशंसा हुई है।