प्रयागराज:- उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अगले साल
2025 में लगने वाले महाकुंभ की तैयारियां शुरू हो गई हैं। महाकुंभ 2025 को दिव्य एवं भव्य
बनाने के उद्देश्य से शुक्रवार को मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में
समिति की बैठक हुई। इस बैठक में लगभग 795 करोड़ की 61 नई परियोजनाओं को अनुमोदन मिला। इसमें लोक
निर्माण विभाग की 3, प्रयागराज विकास प्राधिकरण की 7, उत्तर प्रदेश जल निगम की 8, उत्तर प्रदेश जल
निगम (ग्रामीण) की 5, गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई, पर्यटन विभाग की 2 तथा प्रयागराज मेला प्राधिकरण की 3 परियोजनाएं शामिल
हैं। इससे पहले हुई पांच बैठकों में शीर्ष समिति द्वारा लगभग 3810 करोड़ की 260 अन्य परियोजनाओं को
अनुमोदन मिल चुका है।
अनुमोदित परियोजनाओं के अंतर्गत प्रयागराज
मेला प्राधिकरण की ओर से तीन बड़े कार्य कराए जाएंगे। इनमें विभिन्न स्थानों पर
लगभग 5 लाख स्क्वायर फीट
में कलाकृतियां बनाने और 20 हजार स्क्वायर फीट पर वॉल म्यूरल्स बनाने का कार्य कराया जाएगा।
इसके साथ रिवर चैनेलाइजेशन के लिए एक हाइड्रोलिक स्टडी भी कराई जाएगी। हाइड्रोलिक
स्टडी कराने से नदी के प्रवाह की दिशा को नियंत्रित करना आसान होगा। साथ ही भविष्य
में मेला बसाने और घाट निर्माण के कार्यों में भी सहयोग मिलेगा।
नालों की भी होगी टैपिंग
गंगा प्रदूषण इकाई की अनुमोदित परियोजनाओं
के अंतर्गत 15 अन्य नालों की भी टैपिंग कराई जाएगी। इसके बाद प्रयागराज के सभी
81 नाले टैप हो जाएंगे।
फिलहाल 39 नाले अनटैप्ड हैं, जिनमें से 24 नालों की टैपिंग के
कार्यों को पहले ही स्वीकृति मिल चुकी है। बचे हुए 15 नालों की टैपिंग के लिए शुक्रवार की बैठक में
अनुमोदन मिल गया है। इसके साथ ही शहर के चार प्रमुख मार्गो के एंट्री पॉइंट पर
थेमेटिक गेट्स बनवाने का कार्य होगा, जिसके अंतर्गत कानपुर एवं वाराणसी एंट्री पॉइंट्स कवर किए
जाएंगे। चार स्थानों पर थिमेटिक इंस्टालेशन भी कराए जाएंगे।