वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानि एएसआई का वैज्ञानिक सर्वे आज गुरुवार को पूरा हो जाएगा। सर्वे रिपोर्ट को शुक्रवार को बंद लिफाफे में कोर्ट को सौंपा जाएगा। एएसआई टीम सर्वे की तैयार रिपोर्ट को अपने अधिवक्ता की मौजूदगी में जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सौंपेगी। एएसआई ने सर्वे के दौरान 250 से अधिक अवशेषों को कलेक्ट्रेट में सुरक्षित रखा है। इसके अलावा अन्य सबूत भी आज कोषागार में भेज दिए जाएंगे।
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सूत्रों ने बताया कि ज्ञानवापी परिसर में सौ दिन से अधिक समय तक चले सर्वे में मिले 250 अवशेषों को जिलाधिकारी की निगरानी में कलेक्ट्रेट परिसर स्थित कोषागार के लॉकर में जमा करा दिया गया है। एएसआई ने सर्वे की अबतक की अध्ययन रिपोर्ट भी तैयार कर ली है। इस रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में जिला जज की अदालत में दाखिल किया जाएगा।
दरअसल जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने 21 जुलाई को ज्ञानवापी के सील वजूखाने को छोड़कर शेष परिसर का एएसआई सर्वे कराने का आदेश दिया था। अदालत के निर्देश पर 24 जुलाई को एएसआई टीम ने ज्ञानवापी परिसर में वैज्ञानिक सर्वे शुरू किया था। इसके बाद जिला अदालत के आदेश के विरोध में प्रतिवादी पक्ष अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एएसआई के सर्वे पर रोक लगा दी थी।
सुप्रीम कोर्ट व इलाहाबाद हाईकोर्ट से आदेश मिलने के बाद एएसआई के 40 सदस्यीय दल ने फिर से ज्ञानवापी परिसर में चार अगस्त से सर्वे शुरू किया था। एएसआई ने सर्वे में ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार सिस्टम (जीपीआरएस ) सहित अत्याधुनिक उपकरणों की मदद और पारंपरिक तकनीक के जरिए ज्ञानवापी परिसर में बने ढांचे और इसके तहखानों से लेकर गुंबद और शीर्ष की नाप जोख कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। इसमें हैदराबाद और कानपुर के एएसआई विशेषज्ञों ने भी पूरा सहयोग दिया।
इससे पहले 14 सितंबर को सुनवाई के दौरान जिला न्यायालय ने एएसआई और जिला प्रशासन को आदेश दिया था कि सर्वे के दौरान जो भी तथ्य मिलें, उन्हें सुरक्षित और संरक्षित किया जाए।