मुरादाबाद में सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर युवती से 14 लाख की ठगी का मामला सामने आया है। इस मामले में युवती की तहरीर के आधार पर आरोपी शहवाज, उसके भाई सरफराज और आशीष कुमार के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।
ये भी पढ़ें- गौतमबुद्धनगर: दिल्ली से दरभंगा जा रही डबल डेकर बस में भीषण आग, यात्रियों ने कूदकर बचाई जान
जानकारी के अनुसार, सिविल लाइंस क्षेत्र के मोरा की मिलक निवासी युवती ने पुलिस उप महानिरीक्षक मुनिराज को दिए अपने शिकायती पत्र में डिलारी थाना क्षेत्र के दो सगे भाइयों और बिहार के एक युवक पर रेलवे में सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर 14 लाख रुपए की ठगी का आरोप लगाया है। इस मामले में डीआईजी ने पुलिस को केस दर्ज करने के आदेश दिए, जिसके बाद सिविल लाइंस पुलिस ने तीन नामजद आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। मोरा के मिलक की रहने वाली निवासी महक सैफी की तहरीर पर गांव ढकिया मूलाबान निवासी शहवाज, उसके भाई सरफराज और बिहार के सहरसा निवासी आशीष कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी समेत अन्य गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
रिपोर्ट में महक ने बताया कि, शहवाज उसकी छोटी बहन को ट्यूशन पढ़ाने आता था, जिससे उसके परिवार की जान पहचान हो गई। शहवाज ने एक दिन महक से कहा कि वह उसकी रेलवे में नौकरी लगवा देगा। इसके लिए उसने आशीष कुमार से भी मिलवाया। इसके बाद शहवाज, उसके भाई सरफराज और आशीष कुमार ने महक से 14 लाख रुपए ले लिए। 4 लाख की नगद धनराशि और बाकी की राशि ऑनलाइन दी गई।
महक सैफी के अनुसार यह पैसों का लेन-देन जनवरी 2022 में हुआ। रकम लेने के बाद तीनों आरोपियों ने नौकरी के फर्जी दस्तावेज बनाकर पीड़िता को दे दिए। लेकिन जब रकम देने के आठ माह बाद तक नौकरी नहीं लगी, तो पीड़िता ने आरोपियों से रकम वापस मांगी। दबाव बनाने पर आशीष ने पीड़िता के पिता के नाम से अलग-अलग तीन चेक दिए, जिन्हें बैंक में लगाने पर पता चला कि उस अकाउंट में पैसे ही नहीं है।
पीड़िता ने आरोप लगाया कि पैसे वापस मांगने पर आरोपियों ने उसे जान से मारने की धमकी देनी शुरू कर दी। सिविल लाइंस थाने के एसएचओ आर पी शर्मा ने बताया कि डीआईजी के आदेश के बाद पीड़िता की तहरीर पर 3 नामजद आरोपियों पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जांच की जा रही है।