लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने शत्रु संपत्ति मामले में माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास की अपराध से मुक्त करने की याचिका को खारिज कर दिया है। दस्तावेजों में हेरा-फेरी कर कब्जा करने के मामले में अब्बास अंसारी पर अब 2 दिसंबर को आरोप तय होंगे।
एमपी-एमएलए कोर्ट के स्पेशल मजिस्ट्रेट अमरीश कुमार श्रीवास्तव ने कासगंज जेल में बंद अब्बास अंसारी की याचिका को खारिज करते हुए इस मामले में अगली सुनवाई 2 दिसंबर को तय की है। 2 दिसंबर को ही अब्बास अंसारी पर आरोप तय होंगे। आरोप तय होने के दौरान अब्बास अंसारी को कोर्ट में पेश करने का भी आदेश दिया गया है।
क्या है मामला ?
27 अगस्त 2020 को जियामऊ के लेखपाल सुरजन लाल ने लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में निष्क्रांत संपत्ति को कूट रचित दस्तावेजों के सहारे अब्बास अंसारी, उमर अंसारी और मुख्तार अंसारी के नाम करा लिया था। अधिशासी अभियंता की फर्जी एनओसी लेकर मकान बनवाने के लिए नक्शा भी पास करवाया गया था। इसी मामले में हजरतगंज कोतवाली में अब्बास अंसारी और मुख्तार अंसारी पर एफआईआर दर्ज की गई थी।