Ganga Expressway Air Force Exercise: भारतीय वायुसेना ने यूपी के शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस-वे पर 3.5 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी पर दिन और रात दोनों समय में लड़ाकू विमानों की लैंडिंग और टेक-ऑफ का अभ्यास किया था. इस अभ्यास में राफेल, मिराज-2000, जगुआर, मिग-29, सुखोई-30 एमकेआई, सी-130जे सुपर हरक्यूलिस, एएन-32 और एमआई-17 V5 हेलीकॉप्टर जैसे कई विमान शामिल थे. यह अभ्यास एक्सप्रेस-वे की आपातकालीन रनवे के रूप में उपयोगिता का आकलन करने के लिए किया गया था.
इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य यह जांचना था कि किसी आपात स्थिति में गंगा एक्सप्रेस-वे को वायुसेना के वैकल्पिक रनवे के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है या नहीं? इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए स्थानीय प्रशासन ने कटरा-जलालाबाद मार्ग को शाम 7 बजे से लेकर रात 10 बजे तक पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया था, ताकि रात्रि अभ्यास को सुगमता से अंजाम दिया जा सके. इस दौरान रात्रि में भी विमानों ने सफल लैंडिंग और टेक-ऑफ किया, जो इस हवाई पट्टी की तकनीकी दक्षता को दर्शाता है.
पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने की मांग के बीच शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस-वे पर उतरे वायुसेना के लड़ाकू विमान.
टेक-ऑफ और लैंडिंग का किया जा रहा अभ्यास.
आपातकाल के समय वैकल्पिक रनवे के रूप में एक्सप्रेस-वे की क्षमताओं को आंका जा रहा. pic.twitter.com/YtBYPiJaya
— LIVE_UPToday (@LIVEUPToday) May 2, 2025
राफेल, सुखोई, मिग-29 लड़ाकू विमानों का अद्भुत रहा प्रदर्शन
विमानों की गगनभेदी गर्जना और सटीक युद्धाभ्यास से युक्त हवाई दृश्य ने वहां उपस्थित लोगों को अचंभित कर दिया. आस-पास के गांवों के निवासी और सैकड़ों स्कूली बच्चे आश्चर्यचकित होकर देख रहे थे कि विमान नृत्य-रचनाओं में आकाश में उड़ रहे थे. पूरे शो के दौरान लाइव कमेंट्री में प्रत्येक विमान की भूमिका और तकनीकी विशेषताओं के बारे में जानकारी दी गई. जिससे यह प्रदर्शन एक मनोरंजक अनुभव में बदल गया.
वायुसेना का दुर्लभ ‘नाइट लैंडिंग’ शो
वहीं, शाम ढलने के बाद विशेष पल तब आया, जब रात 9 से 10 बजे के बीच वायुसेना ने दुर्लभ ‘नाइट लैंडिंग’ का प्रदर्शन किया. इस ऑपरेशन ने भारतीय वायुसेना की रात में उड़ान भरने की उन्नत क्षमता को उजागर किया, और भीड़ को मंत्रमुग्ध कर दिया. यह प्रदर्शन गंगा एक्सप्रेसवे पर विशेष रूप से बनाई गई 3.5 किलोमीटर लंबी पट्टी पर हुआ, जिसे आपातकालीन सैन्य अभियानों के लिए हवाईपट्टी के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. गंगा एक्सप्रेस-वे पहला ऐसा एक्सप्रेस-वे है जिसमें रात में भी फाइटर एयरक्राफ्ट लैंड हो सकते हैं, तथा रीफ्यूल हो सकते हैं और दुश्मन देश पर स्ट्राइक भी कर सकते हैं.
चौबीसों घंटे लड़ाकू विमानों के लिए तैयार एक्सप्रेस-वे
भारत की पहली एक्सप्रेसवे-एकीकृत हवाई पट्टी अब चौबीसों घंटे लड़ाकू विमानों के संचालन के लिए तैयार है. सुरक्षा के लिए, पूरे मार्ग पर 250 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिससे वास्तविक समय पर निगरानी की जा सकेगी और आपात स्थिति के दौरान पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया हो सकेगी.
3.5 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे आपातकालीन हवाई पट्टी के रूप में डिज़ाइन किया गया
गौरतलब है कि गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसकी कुल लंबाई 594 किलोमीटर है और यह मेरठ को प्रयागराज से जोड़ेगा. इसमें शाहजहांपुर के निकट यह विशेष हवाई पट्टी बनाई गई है, जिसे वायु सेना की आवश्यकताओं के अनुसार डिजाइन किया गया है. ये एक्सप्रेस-वे केवल यातायात का ही मार्ग नहीं, बल्कि, भविष्य में सामरिक चुनौतियों के समय एक महत्वपूर्ण आधार के रूप में कार्य करेगा.
मॉक ड्रिल क्या हैं?
मॉक ड्रिल में नागरिकों को युद्ध के दौरान खुद को बचाने की ट्रेनिंग दी जाएगी. हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजाए जाएंगे. इस दौरान ब्लैक आउट किया जाएगा.
मॉक ड्रिल के दौरान क्या-क्या होगा?
- मॉक ड्रिल के दौरान सबसे पहले, एयर रेड वार्निंग सायरन को चालू किया जाएगा, इसका मतलब है कि हमले की चेतावनी देने वाले सायरन को बजाया जाएगा.
- नागरिकों और छात्रों को सिविल डिफेंस के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा, उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी कि हमले की स्थिति में खुद को कैसे बचाएं.
- क्रैश ब्लैक आउट के उपाय किए जाएंगे, इसका मतलब है कि हमले के दौरान रोशनी बंद करने यानी क्रैश ब्लैक आउट की व्यवस्था की जाएगी.
- महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को जल्दी से छिपाने की व्यवस्था की जाएगी, प्लांट्स और जरूरी जगहों को दुश्मनों से बचाने के लिए उन्हें कैसे जल्द से जल्द छिपाया जाए ये बताया जाएगा.
- निकासी योजना यानी एवेकुएशन प्लान क्या होगा, इससे लोगों को अपडेट किया जाएगा, इसके साथ ही उसका अभ्यास भी किया जाएगा. इसका मतलब है कि युद्ध की स्थिति में कैसे आम लोगों को सुरक्षित जगह ले जाएं इसकी तैयारी की जाएगी.
भारत के पास यूपी से पाकिस्तान को तबाह करने वाले हैं हथियार
भारत के पास कई ऐसे अत्याधुनिक हथियार हैं, जो उत्तर प्रदेश से हमला किए जाने पर दुश्मन देश के महत्वपूर्ण ठिकानों को तबाह कर सकते हैं.
1. अग्नि श्रृंखला की मिसाइलें
Agni-I रेंज 700 से 900 किलोमीटर
Agni-II रेंज 2000 से 3000 किलोमीटर
Agni-III, IV 3000 किलोमीटर से लेकर 5000+ किलोमीटर तक
यह मिसाइलें उत्तर प्रदेश से पाकिस्तान के किसी भी हिस्से को आसानी से निशाना बना सकती हैं.
2. ब्रह्मोस मिसाइल
यह मिसाइल सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जो जमीन, समुद्र और आकास से दागी जा सकती है. इसकी रेंज 800 किलोमीटर से अधिक है.