बस्ती की महिला अधिकारी से रेप और जान से मारने की कोशिश के मामले में आरोपी नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला को सस्पेंड कर दिया गया है। इन्हें मंडलायुक्त कार्यालय कानपुर से संबद्ध किया गया है। इस पूरी घटना की जांच लखनऊ मंडल के आयुक्त को दी गई है। इसके अलावा घनश्याम शुक्ला के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट भी जारी किया है। इस मामले में आरोपी की गिरफ्तारी के लिए 6 टीमें गठित की गई हैं।
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सोमवार को जिलाधिकारी ने शासन को एक रिपोर्ट भेजी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि नायब तहसीलदार घनश्याम शुक्ला और महिला अधिकारी के बीच अच्छी दोस्ती थी। दोनों की अक्सर व्हाट्सऐप पर चैटिंग भी होती थी। दोनों अपने-अपने आवास में अकेले रहते थे। घटना वाली रात यानि 11 नवंबर की शाम को दोनों अधिकारी ने अपने उच्चाधिकारियों से मिलकर उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं भी दी थी। साथ ही पटाखा की दुकान की भी जांच करने गए थे।
दरअसल 25 साल की अविवाहित महिला अधिकारी ने 17 नवंबर को आरोप लगाया था कि अधिकारी ने उनके सरकारी आवास में घुसकर उनका रेप करने की कोशिश की। नाकाम होने पर उन्हें जमीन पर गिराकर पीटा। विरोध करने पर उनके कपड़े फाड़े गए। महिला अफसर किसी तरह भागकर तख्ते के नीचे छिपीं, तो उन्हें वहां से भी घसीट लिया गया। इसके बाद उनकी गला दबाकर हत्या करने की कोशिश की गई। किसी तरह जान बचाकर महिला अफसर वहां से बाहर भागीं। इसके बाद खुद को कमरे में बंद कर लिया। पुलिस ने महिला अधिकारी का मेडिकल कराने के बाद आरोपी अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज किया था।
फिलहाल कोतवाली पुलिस मुकदमा दर्ज कर विवेचना कर रही है। मामले में पीड़िता का कोर्ट में कलम बंद बयान कराया जा चुका है। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए न्यायालय से मंगलवार को गैर जमानती वारंट जारी कराया गया। गिरफ्तारी के लिए पुलिस की छह टीमें लगाई गई हैं। साक्ष्य संकलन और गिरफ्तारी के पश्चात अन्य विधिक कार्यवाही के बाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।