वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाने की सुपुर्दगी जिलाधिकारी को सौंपने को लेकर दाखिल वाद में मंगलवार को जिला जज डाॅ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में होने वाली सुनवाई टल गई। जिला न्यायालय ने सुनवाई के लिए अब 24 नवम्बर की तारीख तय की है। इसके पहले बीते सोमवार को भी अधिवक्ता अतुल गोस्वामी के निधन के कारण सुनवाई टल गई थी।
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दरअसल शैलेंद्र कुमार पाठक व्यास ने बीते 25 सितम्बर को ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यासजी के तहखाने को जिलाधिकारी को सौंपने के लिए सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। वाद के जरिए कहा गया था कि व्यासजी का तहखाना वर्षों से उनके परिवार के कब्जे में रहा। वर्ष 1993 के बाद तत्कालीन प्रदेश सरकार के आदेश से तहखाने की ओर बैरिकेडिंग कर दी गई।
वर्तमान में नंदीजी के सामने स्थित व्यासजी के तहखाने का दरवाजा खुला हुआ है। ऐसी परिस्थिति में प्रतिवादी पक्ष अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी व्यास तहखाने पर कब्जा कर सकती है। इसलिए व्यासजी का तहखाना जिलाधिकारी की सुपुर्दगी में दे दिया जाए।
वहीं प्रतिवादी पक्ष अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने इस याचिका का विरोध करते हुए आपत्ति दाखिल की है। इसमें व्यासजी के तहखाने को प्रतिवादी पक्ष ने अपने अधिकार क्षेत्र में बताया है। याचिका को बेबुनियाद बताते हुए प्रतिवादी पक्ष ने सुनवाई न करके इसे खारिज करने की अपील की है। जिला जज ने सुनवाई की तिथि अब 24 नवम्बर तय की है।
उधर, स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वरनाथ पक्ष के वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने भी इस मामले में पक्षकार बनने के लिए अदालत में आवेदन दिया है। जिस पर मुकदमे के वादी शैलेन्द्र पाठक ने कोर्ट में आपत्ति दाखिल की है।