लखनऊ: पर्यटन विभाग ने उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक विरासतों को पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया है. इसके तहत 11 संपत्तियों का विकास शुरू किया गया है. इसके लिए निवेशकर्ताओं के निए निविदा जारी की गई है. ये निजी संपत्तियां उत्तर प्रदेश की अर्थव्यस्था को और मजबूत करेंगी. पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि इन ऐतिहासिक किलों, महलों और हवेलियों के जीर्णोद्धार से प्रदेश की हस्तकला, संस्कृति और स्थानीय खान-पान को देश और दुनिया में बढ़ावा मिलेगा.
उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक विरासतों को पुनर्जीवित करने के लाभ-
उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक विरासतों को पुनर्जीवित करने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, स्थानीय संस्कृति और कला को प्रोत्साहन मिलेगा. इनके पुनरुद्धार से प्रदेश की अपनी सांस्कृतिक पहचान को और मजबूती मिलेगी. इसके अलावा देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को भी आकर्षित किया जा सकेगा. इस पहल से स्थानीय संस्कृति, व्यंजन और हस्तशिल्प को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे.
राज्य के विरासत स्थलों की खासियतें क्या हैं?
हमारे राज्य के विरासत स्थलों की सबसे अनूठी विशेषता ये है कि वे सिर्फ ऐतिहासिक ही नहीं है, बल्कि पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित भी करते हैं. वे संस्कृति, वास्तुकला और कहानी कहने के सम्मिश्रण वाले विसर्जित अनुभव प्रदान करते हैं. उत्तर प्रदेश के प्रत्येक पर्यटन स्थल की एक विशिष्ट पहचान है, जो सदियों के शिल्प कौशल, बाहरी प्रभावों और ऐतिहासिक महत्व से आकार लेती है. जो चीज उन्हें दूसरों से अलग करती है, वो है अतीत और वर्तमान का उनका सहज एकीकरण. प्रदेश के सांस्कृतिक उत्सव और आकर्षक पर्यटन स्थल यहां के इतिहास को जीवंत करते हैं.
ऐतिहासिक विरासतों के पुनरुद्धार के लिए कंपनियों से अनुबंध-
पर्यटन विभाग ने ऐतिहासिक स्थलों और विरासतों के संरक्षण के लिए निजी निवेशकों के साथ मिलकर काम करने का निर्णय लिया है. विभाग की ओर से इसके तहत राजस्थान की कंपनी नीमराना होटल्स प्राइवेट लिमिटेड, झांसी के बरुआसागर किला, लखनऊ के छतर मंजिल और कोठी रोशन-ऊद-दौला, मिर्जापुर के चुनार किला के साथ ही राजस्थान के गोल्डेन ट्रयंगल फोर्ट ऐंड पैलेस प्राइवेट लिमिटेड और कानपुर देहात में शुक्ला तालाब के पास बारादरी विकास के लिए समझौता किया है.
देश का पैसा विदेशों में नहीं होगा खर्च-
पर्यटन विभाग की इस पहल से उत्तर प्रदेश में विरासत पर्यटन के साथ ही डेस्टिनेशन वेडिंग को भी बढ़ावा मिलेगा. इससे विदेशों में जाकर शादी करने का मन बनाने लोगों को UP में ही आकर्षित और प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण जगहें मिल जाएंगी, जिससे लोग यहां पर अपने मन मुताबिक पर्यटन स्थल पर शादी कर सकेंगे. इससे स्थानीय लोगों के लिए भी रोजगार के अवसर पैदा होंगे. साथ ही ODOP प्रोडक्ट को भी प्रमोट किया जा सकेगा. स्थानीय परंपराओं, उत्सवों और हस्तशिल्प को भी काफी बढ़ावा मिलेगा.
इन 11 पर्यटन स्थलों का होगा विकास-
वहीं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि झांसी की ठकुरपुरा की गड़ी के जीर्णोद्धार के लिए 498.96 लाख, डिमरौनी की गढ़ी के लिए 353.69 लाख ललितपुर के लक्षण मंदिर के लिए 56.54 लाख, रणछोर मंदिर धोजारी के लिए 29.14 लाख, मर्दन सिंह की बैठक के लिए 145.57 लाख और ललितपुर के स्थानीय संग्रहालय के नवीनीकरण के लिए 496.74 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं. इसके अलावा महोबा के स्थलीय संग्रहालय के जीर्णोद्धार के लिए 496.74 लाख, लखनऊ के बड़ा शिवाला के पुनरुद्धार के लिए 90.70 लाख, शामली के प्राचीन गुंबद के जीर्णोद्धार के लिए 170.02 लाख, फिरोजाबाद के चंदवाण के किले का रखरखाव करने के लिए 160.69 लाख रुपए का बजट रखा गया है.