लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने वक्फ संपत्तियों से जुड़े एक अहम मामले में बड़ी कार्रवाई की है. कौशांबी में वक्फ बोर्ड के तहत रजिस्टर्ड 58 एकड़ अवैध जमीन को कब्जा मुक्त कर लिया है. यह कार्रवाई उस समय की गई है जब वक्फ कानून के खिलाफ देशभर में राजनीतिक हलचल मची हुई है.
कौशांबी के जिला मजिस्ट्रेट, मधुसूदन हुल्गी ने इस बारे में जानकारी दी कि जिले में कुल 98.95 हेक्टेयर भूमि वक्फ बोर्ड के तहत रजिस्टर्ड है, जिसमें से 93 बीघा (करीब 58 एकड़) भूमि को वक्फ के कब्जे से मुक्त कराकर इसे सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है. जांच में यह सामने आया कि इस भूमि का रजिस्ट्रेशन पहले ग्राम समाज के नाम पर था, लेकिन वक्फ बोर्ड ने इसे अपने कब्जे में ले लिया था.
मेरठ में वक्फ संपत्तियों की स्थिति
कौशांबी की तरह ही वक्फ संपत्तियों की स्थिति को लेकर मेरठ में भी हलचल तेज हो गई है. यहाँ जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मोहम्मद रुहेल आलम ने बताया कि जिले में सुन्नी वक्फ बोर्ड के तहत 2661 और शिया वक्फ बोर्ड के तहत 81 संपत्तियां चिन्हित की गई हैं. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर इनमें से कोई भी संपत्ति सरकारी जमीन के रूप में पाई जाती है, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.
राजस्व विभाग से सख्ती से काम करवा रही सरकार
उत्तर प्रदेश सरकार अब वक्फ संपत्तियों के सही आंकड़े जुटाने के लिए राजस्व विभाग से सख्ती से काम करवा रही है। 2022 में सभी जिलों से वक्फ संपत्तियों की जांच कर रिपोर्ट मांगी गई थी, लेकिन ज्यादातर रिपोर्टें अधूरी थीं। अब फिर से जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सही और पूरी जानकारी प्रदान करें, ताकि वक्फ संपत्तियों के बारे में सही आंकड़ा मिल सके।
वक्फ बोर्ड का संपत्तियों का अवैध कब्जा
उत्तर प्रदेश में वक्फ संपत्तियों को लेकर सरकार के सामने बड़ी चुनौती यह है कि कई संपत्तियां प्रभावशाली लोगों के कब्जे में हैं और उनका व्यावसायिक उपयोग हो रहा है. राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह इन संपत्तियों का सही तरीके से उपयोग सुनिश्चित करेगी और अवैध कब्जे को मुक्त कराएगी.
किस जिले में कितनी वक्फ संपत्तियां?
उत्तर प्रदेश में वक्फ बोर्डों के पास करीब 1.32 लाख संपत्तियां पंजीकृत हैं, जिनमें से अधिकांश सुन्नी वक्फ बोर्ड के तहत आती हैं. इसके अलावा, सरकारी भूमि पर वक्फ बोर्ड का अवैध कब्जा भी सामने आया है. रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के 40 जिलों में सरकारी संपत्तियां वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में पाई गई हैं, लेकिन तहसील के रिकॉर्ड में उनका नामांतरण नहीं हुआ.
2014 तक के आंकड़ों के अनुसार राज्य के विभिन्न जिलों में वक्फ संपत्तियां पंजीकृत हैं, लेकिन कई स्थानों पर तहसील के रिकॉर्ड में उनका नामांतरण नहीं हुआ है. इस कारण सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों के मामलों में वृद्धि हो रही है और वक्फ बोर्डों के रिकॉर्ड में जो संपत्तियां दर्ज हैं, वे कानूनन समस्या का कारण बन सकती हैं.
- बता दें, शाहजहांपुर में 2,589 वक्फ संपत्तियां पंजीकृत हैं, लेकिन 2,371 सरकारी संपत्तियों पर अवैध कब्जा है.
- रामपुर में 3,365 वक्फ संपत्तियां पंजीकृत हैं, और 2,363 सरकारी संपत्तियों पर अवैध कब्जा है.
- अयोध्या में 3,652 वक्फ संपत्तियां हैं, और 2,116 सरकारी संपत्तियों पर अवैध कब्जा है.
- जौनपुर में 4,167 वक्फ संपत्तियां पंजीकृत हैं, लेकिन 2,096 सरकारी संपत्तियों पर कब्जा है.
वक्फ बोर्ड के गलत दावे
सरकार को यह भी आशंका है कि वक्फ कानून की धारा 30 का गलत उपयोग कर हिंदू और मुस्लिम संपत्तियों को गलत तरीके से वक्फ बोर्ड में पंजीकृत किया गया है. इस समय 20,000 से अधिक मामले अदालतों में लंबित हैं, जो इस अवैध पंजीकरण से जुड़े हैं.
नए निर्देश और सुधार की प्रक्रिया
सरकार ने पुराने आदेशों को रद्द कर दिया है और अब जिलाधिकारियों को नए निर्देश दिए गए हैं, ताकि वक्फ संपत्तियों का सही तरीके से जांच और प्रबंधन किया जा सके. सरकार का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग सुनिश्चित करना और अवैध कब्जे को मुक्त कराना है.