लखनऊ: राजधानी में भाजपा की ओर से ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मूलमंत्र के तहत करीब 100 जरूरतमंद मुस्लिमों को ईद के मौके पर ‘सौगात-ए-मोदी’ किट बांटी गई. इस किट में महिलाओं के लिए सूट, पुरुषों के लिए कुर्ता-पायजामा, दाल, चावल, सेवई, सरसों तेल, चीनी, कपड़े, मेवा, खजूर शामिल हैं. इसके अलावा कुछ अन्य विशेष सामान भी हो सकता है. प्रत्येक किट की कीमत करीब 500 से 600 के करीब बताई जा रही है.
बता दें कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मूलमंत्र के तहत भाजपा की ओर से इस बार की ईद पर सौगात-ए-मोदी अभियान की शुरुआत की गई है. इस अभियान के तहत देशभर में 32 लाख गरीब, वंचित और जरूरतमंद मुसलमानों को ईद मनाने के लिए विशेष किट उपलब्ध कराई जा रही है. इस किट का नाम है ‘सौगात-ए-मोदी’ रखा गया है. भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा ने पात्र मुस्लिमों तक इस विशेष तोहफे को पहुंचाने की जिम्मेदारी संभाली है.
32 हजार कार्यकर्ताओं ने संभाला जिम्मा-
मोर्चे के 32 हजार कार्यकर्ता एक साथ मिलकर देश की 32 हजार मस्जिदों से जरूरतमंद मुस्लिमों को इस इस विशेष किट का वितरण करेंगे. इसके लिए हर मस्जिद से करीब 100 वंचित और जरूरतमंद मुसलमानों को मदद पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. भाजपा के इस अभियान का शुभारंभ 25 मार्च से हुआ है. इसकी शुरुआत नई दिल्ली के गालिब अकादमी से हुई है.
पार्टी नारा देने के बाद जमीनी स्तर पर उथारती है- बासित अली
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बासित अली ने कहा कि हमारी पार्टी समाज के हर धर्म और जाति के साथ खड़ी है. ‘सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास’ जो नारा दिया था, ये उसी पर आधारित है. पार्टी सिर्फ नारा नहीं देती बल्कि उसे जमीनी स्तर पर लागू भी करती है. उन्होंने कहा कि जिन परिवारों तक ‘सौगात ए मोदी’ किट पहुंच रही है उनके दिल से दुआ निकल रही है. हमारी कोशिश है कि सबकी ‘ईद’ मीठी और मुबारक हो.
किट पर सपा सांसद का निशाना-
बीजेपी की इस महत्वपूर्ण पहल की शुरूआत ‘सौगात-ए-मोदी’ अभियान के बाद विपक्षी दल सपा की ओर से पहली तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है. गाजीपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी ने कहा, ‘मुसलमानों को सौगात नहीं, बस इंसाफ चाहिए’. तो वहीं, राजद नेता और विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा, भाजपा की घोषणा चुनाव के पहले मुसलमानों को अपने तरफ करने की कोशिश के अलावा और कुछ नहीं है.
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मोदी सरकार में 2 गुने मुसलमानों को मिली सरकारी नौकरी-
वहीं, बासित अली ने कहा कि कांग्रेस के बाद ये पहली सरकार है, जिसने 2 गुना मुसलमानों को रोजगार से जोड़ा है. कांग्रेस के समय 2 प्रतिशत मुसलमान सरकारी नौकरी करते थे तो आज 4 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम सरकारी नौकरी से जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की 65 साल की सरकार में 5 करोड़ मुस्लिम बच्चों को छात्रवृत्ति मिली, जबकि मोदी सरकार में करीब 5 करोड़ 5 लाख बच्चों को वजीफा दिया गया.