उत्तर प्रदेश; बीते साल 2024 से उत्तर प्रदेश के कई अलग-अलग जिलों से प्रचीन मंदिर मिले हैं. ये सभी मंदिर मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में हैं. इन सभी मंदिरों पर कब्जा तब हुआ जब इन इलाकों में अल्पसंख्यकों की संख्या बढ़ी और हिंदू पलायन करने के लिए मजबूर हो गए, हिंदू तो पलायन कर गए लेकिन, मंदिर वहीं पर रह गए. जिसके बाद अल्पसंख्यकों ने मंदिरों के बाहर अवैध निर्माण करा लिया और मंदिरों को दबा दिया. खैर, प्रशासन लगातर कानूनी तरीके से खुदाई करा रहा है. आइए जानते हैं कहां-कहां मिले प्राचीन मंदिर…
संभल में मिले दो प्राचीन मंदिर
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 2 बंद मंदिर मिले हैं. ये दोनों मंदिर मुस्लिम बहुल इलाके में हैं. पहला कार्तिकेश्वर मंदिर जो 14 दिसंबर 2024 को जामा मस्जिद से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर खग्गूसराय में मिला. यह मंदिर 46 साल से बंद पड़ा था. स्थानीय लोगों का ऐसे मानना है कि यह मंदिर 400 से 500 साल पुराना है. वहीं, दूसरा मंदिर हयातनगर के सरायतरीन में मिला. इसी कड़ी में संभल में कई प्रचीन कुआं और बावड़ी मिली है.
अमेठी में भी मिला मंदिर
अमेठी में भी 120 वर्ष पुराना शिवमंदिर मिला. आरोप है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा प्राचीन पंच शिखर शिव मंदिर पर कब्जा कर लिया गया था. जिसके बाद कुछ हिंदूवादी नेताओं ने एसडीएम को शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की थी. इसी क्रम में ग्रामीणों का कहना है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा पिछले 40 सालों से मंदिर में पूजा पाठ करने पर रोक लगा दी गई थी.
चंदौसी में बांके बिहारी और महादेव का मंदिर
चंदौसी के मुस्लिम इलाके में स्थित बांके बिहारी और महादेव का मंदिर को फिर से खोला गया है. मंदिर के पुजारी कृष्णा कुमार ने बताया था कि साल 2010 तक यहां पर पूजा की जाती थी. लेकिन, 2010 में ही भगवान बांके बिहारी की प्रतिमा और शिवलिंग को उपद्रवियों द्वारा खंडित कर दिया गया था. जिसके बाद से मंदिर में पूजा-पाठ बंद हो गया था. प्रशासन ने हाल में इन दोनों मंदिर को खुलवाया है, और पुनः पूजा-पाठ आरंभ हुआ है.
शिव मंदिर बना खंडहर
उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरनगर जिले के लद्धावाला मोहल्ले में एक प्राचीन शिवमंदिर खंडहर हो गया है. संन् 1970 में भगवान शिवशंकर के मंदिर की स्थापना हुई थी. 1992 तक यहां पर पूजा होती थी. लेकिन, संन् 1992 में बाबरी मस्जिद विवाद और उसके बाद के सांप्रदायिक दंगों के कारण यहां से हिंदू पलायन कर गए थे. जिसके बाद शिवमंदिर पर अल्पसंख्यकों ने कब्जा कर लिया.
अलीगढ़ में भी मिले थे दो मंदिर
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में दो पुराने मंदिर मिले थे. हिंदू संगठनों ने दावा किया था कि उनकी टीम ने अलीगढ़ के दिल्ली गेट थाना क्षेत्र के एक मुस्लिम बहुल इलाके में शिव मंदिर को खोज निकाला है. इससे पहले बन्नादेवी थाना क्षेत्र के सराय रहमान इलाके में भी मंदिर का पता चला था.
कानपुर में मिले थे दो मंदिर
कानपुर में भी मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय ने मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में बंद पड़े 2 मंदिरों को खुलवाया था. संन् 1992 के दंगो के बाद से ये मंदिर बंद पड़े रहे. इस दौरान जब शिवालय को खुलवाया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला. वहीं, दूसरे मंदिर में छोटा कारखाना चलाया जा रहा था.
काशी में भी मिला मंदिर
काशी के मुस्लिम बहुल इलाके में एक बंद पड़ा मंदिर मिला था. इसी केम में हिंदू संगठन के नेताओं ने दावा किया कि मंदिर 250 साल पुराना है और पिछले 40 साल से यहां ताला लगा है. इससे पहले यहां पूजा हुआ करती थी.
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