लखनऊ: लखनऊ: 18 फरवरी से शुरू हुआ यूपी विधानसभा का बजट सत्र 5 मार्च को समाप्त हो गया. इस बार के बजट सत्र की कार्यवाही 72 घंटे 56 मिनट तक चली. साथ ही 3 घंटे 36 मिनट के लिए स्थगित भी रही. इस बार का बजट 8 लाख 8 हजार 736 करोड़ रपए का रहा, जो कि बहुमत से पास हो गया. बजट सत्र के आखिरी दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन को संबोधित किया. इस मौके पर उन्होंने सभी को महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए धन्यवाद दिया. वहीं, विपक्ष पर तीखा हमला भी किया.
बता दें कि इस बार राज्यपाल के अभिभाषण में सत्ता पक्ष के 98 और विपक्ष के 49 सदस्यों ने भाग लिया. वित्तीय वर्ष 2025-26 आय- व्यय पर 4 दिन चर्चा हुई. इसमें सत्ता पक्ष के 60 और विपक्ष के 34 लोगों ने हिस्सा लिया.
उत्तरप्रदेश विधानसभा बजट सत्र 2025-26 की बड़ी बातें-
- 20 फरवरी को वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा सदन में बजट पेश किया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 4 मार्च को विधानसभा में और 5 मार्च को विधान परिषद में बजट पर सरकार का पक्ष रखा.
- महिलाओं की अगर बात करें तो विपक्षी पार्टी सपा की तरफ से डॉ. रागिनी सोनकर ने तीखे सवाल किए. हालांकि मुख्यमंत्री योगी ने उनके सवाल का जवाब देने के लिए खुद कमान संभाली.
- अगर राज्यपाल के अभिभाषण और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के कुछ बयान पर हुए हंगामे को छोड़ दें तो इस बार सदन में ज्यादा रुकावट नहीं आई. सदन की कार्यवाही केवल 3.36 मिनट के लिए ही स्थगित हुई.
- बजट सत्र के 3 विधेयक संयज गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (संशोधन) विधेयक 2025, उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास विधेयक 2025 पास हुए. इसके अलावा उत्तर प्रदेश विनियोग विधेयक 2025 भी पास हुआ.
- विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के मुताबिक बजट सत्र में नियम-300 के तहत कुल 18 सूचनाएं प्राप्त हुई थीं. इसमें से 5 सूचनाओं को स्वीकार किय गया, जबकि 13 सूचनाओं को अस्वीकार किया गया.
- इसी तरह नियम-301 के तहत कुल 695 सूचनाओं प्राप्त हुईं. जिनमें से 346 सूचनाएं स्वीकृत की गईं जबकि 349 सुचनाओं को अस्वीकृत किया गया.
- सदन की कार्यवाही के दौरान करीब 2,747 प्रश्न आए. इसमें से 549 सवाल स्वीकृत हुए, तो वहीं 1,568 सवाल अस्वीकृत रहे. ताराकिंत प्रश्नों के 128 और अतारांकित प्रश्नों के 1,039 उत्तर दिए गए.
- 2747 सवालों में 2473 सवाल सदन को ऑनलाइन प्राप्त हुए थे. इसी तरह नियम-56 के तहत 74 सूचनाएं मिलीं. इसमें 17 को सुना गया, जबकि नियम-51 के तहत कुल 884 सूचनाओं में 35 वक्तव्य, 25 केवल वक्तव्य, 309 ध्यानाकर्षण के लिए और 515 सूचनाओं को अस्वीकार किया गया.
- वहीं, नियम-103 के तहत कुल 14 प्रस्तावों में सभी को सुना गया. इस सत्र में 951 याचिकाएं लगाई गई थीं. इसमें 771 स्वीकार की गई, जबकि 10 अस्वीकार की गईं. इसके अलावा 170 याचिकाएं व्यपगत रहीं.
- बजट सत्र के दौरान संसदीय कार्यमंत्री से लेकर विपक्षी दलों ने खूब शेरो–शायरी भी की. सभी ने एक–दूसरे के खिलाफ खूब कमेंट किए. सदन में थूकने और विधानसभा में प्रवेश वाले पास के दुरुपयोग का मामला भी सामने आया.
- सदन में दो बार ऐसा भी समय आया, जब सत्ता पक्ष और विपक्ष के लोगों ने एक सुर में सुर मिलाया. ऐसा तब हुआ जब विधायकों के वेतन को महंगाई इंडेक्स से जोड़ने की बात चली. इसके अलावा अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों को सम्मान न दिए जाने के विषय पर भी सभी सदस्यों ने एक सुर में सुर मिलाया.