महाकुंभ 2025: प्रयागराज में 45 दिन पहले शुरू हुआ विश्व का सबसे बड़ा आयोजन महाकुंभ समाप्त हो गया. 45 दिनों तक चले इस आयोजन में 66 करोड़ से अधिक लोगों ने त्रिवेणी के संगम की पवित्र जलधारा में आस्था की डुबकी लगाकर स्नान किया और पुण्य लाभ प्राप्त किया. वहीं, इस महाआयोजन की समाप्ति के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ पर एक ब्लॉग लिखा है. उन्होंने अपने ब्लॉग में महाकुंभ को ‘युग परिवर्तन की आहट’ कहा है. साथ ही इसे एकता का महाकुंभ भी बताया.
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने ब्लॉग में लिखा कि जब एक राष्ट्र की चेतना जागृत होती है, जब वह सैकड़ों साल की गुलामी की मानसिकता के सारे बंधनों को तोड़कर नव चैतन्य के साथ हवा में सांस लेने लगता है, तो ऐसा ही दृश्य उपस्थित होता है. जैसा कि हमने 13 जनवरी के बाद से प्रयागराज में एकता के महाकुंभ में देखा. उन्होंने आगे लिखा कि महाकुंभ में पूरे 45 दिनों तक जिस प्रकार 140 करोड़ देशवासियों की आस्था एक साथ, एक समय में एक पर्व से आकर जुड़ी, वो अभिभूत करने वाला है.
पीएम ने लिखा कि अयोध्या में 22 जनवरी साल 2024 को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के समारोह में मैंने देवभक्ति से देशभक्ति की बात कही थी. प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान सभी देवी-देवता जुटे. संत-महंत जुटे, युवा, महिलाएं जुटीं. इसके अलावा हमने देश की जागृत चेतना का साक्षात्कार किया. तीर्थराज प्रयाग के इसी क्षेत्र में एकता, समरसता और प्रेम का पवित्र क्षेत्र श्रृंगवेरपुर भी है, जहां प्रभु श्रीराम और निषादराज का मिलन हुआ था. उनके मिलन का वो प्रसंग भी हमारे इतिहास में भक्ति और सद्भाव के संगम की तरह ही है. प्रयागराज का ये तीर्थ आज भी हमें एकता और समरसता की वो प्रेरणा देता है.
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वहीं, पीएम मोदी ने लिखा कि बीते 45 दिनों में मैने देखा कि प्रतिदिन कैसे देश के कोने-कोने से लाखों लोग संगम स्नान करन के लिए पहुंच रहे हैं. संगम पर स्नान की भावनाओं का ज्वार लोगों में लगातार बढ़ता ही जा रहा है. हर श्रद्धालु बस एक ही धुन में था कि उसे किसी भी तरह से संगम में स्नान करना है. मां गंगा, यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी हर श्रद्धालु को उमंग, ऊर्जा और विश्वास के भाव से भर रही थी.