राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत ने 23 फरवरी को गुवाहाटी में बौद्धिक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए संगठन के सभी स्वयंसेवकों से जाति, पंथ, क्षेत्र और भाषा से परे विभिन्न समूहों के बीच मैत्री बढ़ाने की अपील की. मोहन भागवत ने कहा कि प्रत्येक भारतीय को भोजन, आवास, यात्रा और यहां तक कि अपनी अभिव्यक्ति के अनुरूप भाषा का प्रयोग करना चाहिए. सभी को अपने दैनिक कार्यों में विदेशी भाषाओं का उपयोग करने के बजाय मातृभाषा में बातचीत करनी चाहिए.