अयोध्या; कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी बीते रविवार को अयोध्या पहुंचे. यहां पहुंच कर उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु रामलला के दर्शन किए. यह बेहद चौंकाने वाला रहा. वह इसलिए कि सिंघवी और कपिल सिब्बल जैसे कांग्रेस से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के शीर्ष अधिवक्ताओं ने हमेशा अयोध्या विवाद में राम मंदिर निर्माण के विरोध में ही पैरवी की है.
माथा टेकना बना चर्चा का विषय
ऐसे में उनका रामलला के श्री चरणों में माथा टेकना चर्चा का विषय बन गया है. इससे भी खास बात यह रही कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने उन्हें दर्शन के लिए विशेष व्यवस्थाएं प्रदान की. उनके लिए खास इंतजाम किए और उनका स्वागत भी किया.
हनुमानगढ़ी में किया पूजा-अर्चना
अभिषेक मनु सिंघवी हनुमानगढ़ी में बजरंगबली की भी पूजा-अर्चना की. सिंघवी प्रयागराज महाकुंभ स्नान करने के बाद अयोध्या आए थे. राम मंदिर में व्यवस्था के ट्रस्ट और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ परिवार की ओर से नियुक्त प्रभारी गोपाल जी ने उनका अभिनंदन किया. सिंघवी जब रामलला के सामने पहुंचे तो उन्हें एकटक देखते रह गए. सिंघवी को उस विचारधारा का माना जाता है, जिन्हें श्रीराम के अस्तित्व पर सवाल उठाने की आदत रही है.
श्रीराम सबके थे, सबके रहेंगे
ऐसे में ही विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि अब साफ हो गया है कि रामलला के दरबार में जो भी राम विरोधी आएगा, उन सबका स्वागत है, श्रीराम सबके थे, वह सबके हैं और सबके रहेंगे. देश को इसी विचारधारा पर चलना होगा. वहीं, प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा कि एक दिन सिंघवी की पार्टी के गांधी परिवार के सदस्यों को भी रामलला के दरबार में आकर माथा टेकना ही होगा. यही देश की आवाज है और उनकी मजबूरी भी.
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