नई दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट को लेकर संसद में विपक्ष का विरोध जारी है. जिस पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने आज बुधवार को प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रिपोर्ट में सभी विपक्षी नेताओं के असहमति नोट शामिल किए गए हैं. इस रिपोर्ट को अवैध या असंवैधानिक कहना गलत है.
रिजिजू ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि रिपोर्ट पूरी तरह से सही प्रस्तुत की गई है, इसमें असहमति नोट भी शामिल हैं. यदि किसी असहमति को हटाना आवश्यक हो, तो अध्यक्ष के पास इसका अधिकार है. उन्होंने कहा कि जेपीसी रिपोर्ट संसद की रिपोर्ट है, ना कि एनडीए सरकार की रिपोर्ट, इसे अवैध नहीं कहा जा सकता.
वहीं, कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जेपीसी रिपोर्ट का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि विपक्षी सदस्यों के असहमति नोट को हटा दिया गया है. खड़गे ने इसे अलोकतांत्रिक और निंदनीय करार दिया. उनका कहना था कि रिपोर्ट में विपक्ष के विचारों को दबाना गलत है. यदि असहमति नोट हटाए गए हैं, तो रिपोर्ट को फिर से पेश किया जाना चाहिए.
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उल्लेखनीय है कि वक्फ संशोधन विधेयक पर जेपीसी की रिपोर्ट पेश होने से पहले संसद में जोरदार हंगामा हुआ. लोकसभा में विपक्ष ने विरोध किया, जिसके बाद सदन दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दिया गया, जबकि राज्यसभा में भी सत्ता व विपक्षी सांसदों के बीच नोकझोंक जारी रही.