World Radio Day: हर वर्ष 13 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय रेडियो दिवस मनाया जाता है. यूनेस्को के 36वें सम्मेलन में, 3 नवंबर, 2011 को इसकी घोषणा की गई थी. भारत में रेडियो भी भूमिका विशेष रही है. जब टीबी और इंटरनेट की उपलब्धता सुलभ नहीं थी, तब रेडियो मनोरंजन का प्रमुख साधन हुआ करता था. शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण भारत तक मनोरंजन के साथ-साथ सूचना प्राप्त करने का प्रमुख साधन रेडियो को माना जाता है. हालांकि, आज के इंटरनेट और सोशल मीडिया युग में रेडियो की भूमिका भले की कुछ कम हुई हो, लेकिन इसकी महत्वा को नकारा नहीं जा सकता.
ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी लोग संगीत सुनने, विशेष प्रशारण सुनने और देश-दुनिया में घटित हो रहे घटनाक्रमों की जानकारी पाने के लिए रेडियो का उपयोग करते हैं. भारत में रेडियो सेवा की शुरुआत 23 जुलाई 1927 को बॉम्बे में हुई थी. तब रेडियो क्लब ऑफ बॉम्बे शुरु किया गया था.
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5 महीने बाद कलकत्ता में रेडियो का प्रसारण शुरु किया गया. अक्टूबर 1939 में ऑल इंडिया रेडियो की विदेश सेवा शुरू की गई. फिर आगे चलकर इसे 1956 में आकाशवाणी नाम दिया गया. 1947 में जब देश आजाद हुआ तो कुल 9 रेडियो स्टेशन थे. जिसमें से 3 पाकिस्तान के हिस्से में चले गए थे. वर्तमान समय में भारत में 99 प्रतिशत से अधिक लोगों तक आकाशवाणी (रेडियो) की पहुंच है.
रेडियो पर सुने जाने वाले पसंदीदा कार्यक्रम
भारत में रेडियो पर समाचार, संगीत, विशेष प्रसारण के साथ-साथ क्रिकेट कमेंट्री का लाइव प्रसारण किया जाता है. जो लोगों की बीच काफी लोकप्रिय है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपना प्रसिद्ध ‘मन की बात’ कार्यक्रम आकाशवाणी पर ही लेकर आते हैं.