नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर 5 फरवरी को वोटिंग हुई थी. अब 8 फरवरी को काउंटिंग होनी है. लेकिन इससे पहले प्रदेश में सियासी पारा हाई है. आप द्वारा पार्टी के विधायकों को खरीदने का आरोप भाजपा पर लगाया गया था. जिसके बाद दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की सिफारिश पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की टीम पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल के घर पर पहुंची है.
आप के लीगल सेल के अध्यक्ष संजीव नासियार ने एसीबी की कार्रवाई पर सवाल उठाया हैं. उन्होंने कहा कि एसीबी की टीम बिना किसी दस्तावेज या आधिकारिक निर्देश के आधे घंटे से अधिक समय तक केजरीवाल के आवास के बाहर बैठी रही. इस दौरान टीम में शामिल लोग फोन पर बातचीत करते रहे. नासियार ने इसे बीजेपी की राजनीतिक साजिश बताया और कहा कि यह पूरी प्रक्रिया एक राजनीतिक ड्रामा का हिस्सा है.
नासियार ने आगे कहा कि जब हमने जांच के लिए नोटिस या प्राधिकरण की मांग की, तो एसीबी ने कहा कि उनके पास कुछ भी नहीं है. संजय सिंह पहले ही शिकायत दर्ज कराने के लिए एसीबी कार्यालय में मौजूद हैं. फिर एसीबी की टीम अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर किसके निर्देश पर बैठी है? वहीं, बीजेपी का कहना है कि आप द्वारा लगाए गए आरोप झूठे और निराधार हैं. आप का उद्देश्य पार्टी की छवि को खराब करना और दिल्ली में चुनाव परिणाम के बाद अशांति फैलाना है.
आप सांसद संजय सिंह ने लगाए थे गंभीर आरोप
भाजपा पर आरोप लगाते हुए आप सांसद संजय सिंह ने कहा था कि चुनाव परिणाम आने से पहले ही बीजेपी दिल्ली में ‘ऑपरेशन लोटस’ चला रही है. जिसके तहत हमारी पार्टी के मंत्रियों और विधायकों को 15 करोड़ रुपये का ऑफर दिया जा रहा है. संजय सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बीजेपी ने हमारे विधायकों और मंत्रियों को 15-15 करोड़ रुपये की पेशकश की है. मैं बीजेपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए यहां एसीबी कार्यालय में हूं.
आप सांसद संदीप पाठक ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम से पहले बीजेपी ने उनकी पार्टी के 16 उम्मीदवारों को खरीदने की कोशिश की थी. पाठक ने कहा कि बीजेपी के यह चुनाव प्रबंधन का हिस्सा है. हमारे नेताओं को कई फोन कॉल्स आए हैं, हमने उन फोन नंबरों का खुलासा किया है.
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वहीं गुरुवार को, अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि बीजेपी ने उनकी पार्टी के 16 उम्मीदवारों को आम आदमी पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने के लिए फोन किया था. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी ने इन उम्मीदवारों को मंत्री बनाने का वादा किया था और प्रत्येक को 15 करोड़ रुपये देने की पेशकश की थी.