किन्नर अखाड़ा ने हाल ही में महामंडलेश्वर बनीं पूर्व अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को अखाड़े से निकाल दिया है. साथ ही ममता कुलकर्णी का पट्टाभिषेक करने वाले आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी उनके पद से मुक्त कर दिया गया है. इसको लेकर अखाड़ा के संस्थापक ऋषि अजय दास ने एक पत्र जारी किया है. जिसके माध्यम से उन्होंने पूरी जानकारी दी है.
ऋषि अजय दास ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को किन्नर अखाड़ा के पद से मुक्त किया जाता है. उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता कुलकर्णी जैसी फिल्म अभिनेत्री को बिना किसी धार्मिक परंपरा का पालन किए महामंडलेश्वर की उपाधि दी, जो अखाड़ा के परंपराओं के अनुरूप नहीं है. उन्होंने कहा कि यह कदम किन्नर समाज और सनातन धर्म के लिए घातक है. अभिनेत्री के संन्यास संस्कार पर सवाल खड़ा करते हुए अजय दास ने कहा कि बिना मुंडन के वैराग्य नहीं होता. लेकिन लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता कुलकर्णी का पट्टाभिषेक बिना सिर मुंडवाए ही करा दिया.
साथ ही ऋषि अजयदास ने लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर गंभीर आरोप लगाया हैं. उन्होंने कहा कि बिना उनकी सहमति के लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने 2019 में आयोजित हुए प्रयागराज कुंभ में जूना अखाड़े के साथ एक अनुबंध किया, जो न केवल अनैतिक था, बल्कि किन्नर अखाड़े के सिद्धांतों और सनातन धर्म के विपरीत भी था. यह मामला धोखधड़ी से संबंधित है.
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ऋषि अजयदास ने कहा कि शीघ्र ही किन्नर अखाड़ा में किसी नए आचार्य महामंडलेश्वर की नियुक्त की जाएगी. वह लगातार किसी योग्य संत की तलाश कर रहे हैं. बता दें कि बीते 24 जनवरी को प्रयागराज महाकुंभ में ममता कुलकर्णी ने गृहस्थ जीवन से संन्यास लेने की घोषणा की थी. जिसके बाद किन्नर अखाड़ा में उनका महामंडलेश्वर के रूप में पट्टाभिषेक किया गया था.