तिरुपति: बुधवार (8 जनवरी) की रात करीब 10 बजे आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर में भगदड़ मचने से 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 40 से अधिक श्रद्धालु घायल हुए हैं. यहां घटना मंदिर के अंदर की है. बताया जा रहा है कि बड़ी संख्या में लोग तिरुमाला वैकुंड द्वार दर्शन का टिकट प्राप्त करने के लिए लाइन में लगे थे. तभी भगदड़ मचने से लोग एक दूसरे को रौंदते हुए भागे. जिससे 6 की मौत और 40 से अधिक श्रद्धालु घायल हो गए.
#WATCH | आंध्र प्रदेश | वीडियो तिरुपति के विष्णु निवासम से है, जहां कल रात भगदड़ मचने की घटना सामने आई थी।
घटना में 6 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 40 लोग घायल हैं। pic.twitter.com/Izhgde0ona
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 9, 2025
यह हादसा तब हुआ जब तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा गुरुवार, 9 जनवरी से शुरू होने वाले वैकुण्ठ दर्शन के लिए टोकन जारी करने की व्यवस्था शुरू की गई थी. अलीपिरी, श्रीनिवासम, सत्यनारायणपुरम और पद्मावतीपुरम जैसे स्थानों पर लंबी कतारें लग गई थीं. भीड़ बढ़ने के कारण भगदड़ मच गई, जिससे यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी.
टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी श्यामला राव ने बताया कि इस हादसे में 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 40 लोग घायल हुए हैं. घायलों को उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया है और इस मामले की जांच की जाएगी.
सीएम चंद्रबाबू नायडू ने जताया शोक
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए सभी अधिकारियों को राहत कार्य तेजी से चलाने के निर्देश दिए हैं. वह घायलों के बेहतर उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं. मुख्यमंत्री ने इस घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वह आज गुरुवार को तिरुपति मंदिर का दौरा करेंगे और राहत कार्यों की निगरानी करेंगे.
घटनास्थल पर क्या हुआ?
टीटीडी चेयरमैन बीआर नायडू ने बताया कि एक डीएसपी द्वारा गेट खोलने के कारण अचानक बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े, जिससे भगदड़ मच गई. उन्होंने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू किया जाएगा.
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1.20 लाख टोकन जारी किए गए थे
टीटीडी ने 10, 11 और 12 जनवरी के लिए वैकुण्ठ द्वार दर्शन के लिए 1.20 लाख टोकन जारी करने का निर्णय लिया था. दर्शन के लिए टोकन जारी करने के साथ-साथ श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए टीटीडी ने विभिन्न केंद्रों पर व्यवस्था की थी, लेकिन श्रद्धालुओं की भारी संख्या के कारण यह हादसा हो गया.